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    विरोध के बीच मय्यड़ रेलवे ट्रैक से हटे जाट

    By Edited By:
    Updated: Mon, 15 Feb 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, हिसार : कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के साथ शनिवार रात हुए समझौते के तहत हवा सिंह सांगवा

    जागरण संवाददाता, हिसार :

    कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के साथ शनिवार रात हुए समझौते के तहत हवा सिंह सांगवान रविवार सुबह रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। आरक्षण के मुद्दे पर सरकार द्वारा मांगें मानने की बात कहते हुए आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। इसके साथ ही ट्रैक पर बैठे जाटों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। कृषि मंत्री और सांगवान के बीच हुई वार्ता को गलत बताते हुए रेलवे ट्रैक को खाली करने से इंकार कर दिया।

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    ऐसे में सांगवान गुट के लोग किसी तरह वहां से अपने घर लौट गए। इसके बाद टैंट उखाड़ने व बिस्तर उठाने का काम शुरू हुआ, लेकिन कुछ जाट बुजुर्ग और युवा ट्रैक से नहीं हटने की जिद पर अड़े रहे।

    इस बीच करीब पौने एक बजे मलिक गुट से रामभगत मलिक आदि ट्रैक पर पहुंचे और आंदोलनकारी जाटों की बात सुनी। इसके बाद जाट ट्रैक खाली करने को राजी हुए और डेढ़ बजे ट्रैक पर मालगाड़ी गुजरने के साथ ही रेल सेवा बहाल हो गई।

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    यह कहा सांगवान ने

    हवा सिंह सांगवान ने धरना स्थल पर आकर बताया कि कृषि मंत्री से आरक्षण को लेकर ठोस आश्वासन मिला है। हमने कहा था कि एक बार ट्रैक पर आकर जाटों को तसल्ली करवा दो। तब उन्होंने जवाब दिया कि सैकड़ों लोग सांगवान की नहीं मानेंगे तो मेरी बात कैसे मान लेंगे। सरकार का आरक्षण देने का पूरा इरादा है। भाजपा जाटों को आरक्षण देकर अपना वादा पूरा करेगी। धैर्य रखें.. और आंदोलन को समाप्त करते हैं।

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    जाटों में था आक्रोश

    सांगवान जब आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर गया तो कुछ जाट ट्रैक से नहीं हटे। तब भगाना गांव के पढ़े-लिखे व्यक्ति विजय ने धरना स्थल पर आकर उन्हें समझाना शुरू किया। उन्हें बताया कि सरकार ने मांग मान ली है, इसलिए आंदोलन खत्म हुआ है। पर, कोई उनकी बात को सुनने को तैयार नहीं था। जाटों ने कहा कि हम सारी रात ट्रैक पर लेटे रहे लेकिन न सांगवान आया और न कृषि मंत्री। तभी एक युवा बोला कि इतने बड़े चौधरी आंदोलन नहीं चला पाए तो क्या आरक्षण मिलेगा।