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    जाट आंदोलन से कोरियर व दूध सेवाएं प्रभावित

    By Edited By:
    Updated: Sat, 20 Feb 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद जाट आरक्षण की आंच में अब जिले के लोग भी झुलसने लगे हैं। फतेहाबाद से दिल

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

    जाट आरक्षण की आंच में अब जिले के लोग भी झुलसने लगे हैं। फतेहाबाद से दिल्ली की कोरियर व दुग्ध सेवाएं प्रभावित हुई हैं। यही कारण है कि पिछले चार दिनों से दिल्ली से भी कोई कोरियर फतेहाबाद नहीं पहुंच रहा है। कोरियर का काम करने वालों की मानें तो उन्हें बहुत नुकसान हो रहा है। इस दौरान कई लोगों को डाक भी प्राप्त नहीं हो पा रही है। इससे उनका कार्य रुक गया है। भूना रोड बंद होने के कारण भूना में बना मिल्क प्लांट भी बंद होने की कगार पर है। बंद के कारण दस गांवों से जाने वाला दूध भी बंद हो गया है। अनेक गांवों में सरकारी दूध की डेयरी भी बंद हो गई। अगर जाटों का आंदोलन चलता है तो शहर में दूध के भाव भी बढ़ सकते है।

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    चार दिनों से कोरियर सेवाएं पड़ी बंद

    सेंट्रल बैंक में अनेक लोग कोरियर सप्लाई का काम करते है। लेकिन पिछले चार दिनों से न तो दिल्ली से कोई डाक आ रही है और न ही जा रही है। कोरियर का काम करने वाले महेश, सुरेंद्र, दिलबाग, सुमित ने बताया कि जाट आरक्षण के कारण उनका काम भी ठप हो गया है। पिछले दो दिनों से न तो दिल्ली से डाक आ रही है और न ही जा रही है। उन्हें प्रतिदिन एक हजार से दो हजार रुपये का नुकसान हो रहा है।

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    जरूरी डाक थी आज तक नहीं आई

    गांव धांगड़ के महेश, फतेहाबाद के माडल टाउन निवासी सचिन ने बताया कि दिल्ली से एक महत्वपूर्ण डाक आनी थी। लेकिन जाटो के धरने के कारण आज तक नहीं पहुंच पाई। उन्होंने दिल्ली की एक प्राइवेट में इंटरव्यू दिया था। कंपनी के मैनेजर ने बताया था कि आपको डाक द्वारा सूचना भेज दी जाएगी। अगर जल्द ही उन्हें डाक नहीं मिली तो उन्हें नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

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    दूध की हो सकती है किल्लत

    भूना में मिल्क प्लांट है। भूना से ही जींद में दूध सप्लाई हो रहा है। लेकिन गांव जांडलीकलां, गोरखपुर व ढाणी गोपाल में जाटों द्वारा धरना देने से अनेक गांवों में दूध की सप्लाई भी बंद हो गई। भूना में करीब पांच से अधिक गांवों से दूध जाता है। लेकिन दो दिनों से धरने के कारण दस गांवों में से दूध की सप्लाई भी बंद हो गई। गांव ढाणी माजरा, माजरा, धांगड़, धारनियां, मताना, झलनियां, जांडलीकलां सहित अनेक गांवों से दूध की सप्लाई या तो बंद हो गई है या फिर कम हो गई है। अगर जाटों का आंदोलन अधिक दिनों तक चलता है तो दूध के भाव भी आसमान छू सकते है।