बेहद खास है ट्रेन 18, रेलवे के लिए साबित होगी गेम चेंजर, इससे अच्छी नहीं कोई
ट्रेन-18 में सफर का अानंद अलग होगा। रेलवे के लिए यह ट्रेन गेम चेंजर साबित होगी। पूरी तरह वातानुकूलित यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।
अंबाला, [दीपक बहल]। ट्रेन-18 में सफर का अानंद बेहद खास और अलग होगा। रेलवे के लिए ट्रेन-18 गेम चेंजर साबित होगी। पूरी तरह वातानुकूलित यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस ट्रेन के डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी। इंजन नहीं होगा। मेट्रो ट्रेनों की तरह दोनों छोर पर ड्राइविंग कैप्स होंगी जिससे वे दोनों तरफ से चल सकेगी। यह मौजूदा राजधानी और शताब्दी के बेड़े के स्थान पर जगह लेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे बेहतर ट्रेन नहीं हो सकती।
राजधानी व शताब्दी के बेड़े में शामिल होगी अत्याधुनिक सुविधाओं वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन
उत्तर रेलवे के कार्यवाहक महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा कि इससे अच्छी ट्रेन नहीं बन सकती। डेढ़ सौ करोड़ में बनने वाली ट्रेन रेलवे ने 100 करोड़ में बना दी। आरडीएसओ इसका ट्रायल कर रहा है। उन्होंने अंबाला छावनी के स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद जागरण से बातचीत में कहा कि मुरादाबाद सेक्शन सबसे खराब है। इस सेक्शन में ट्रेन-18 का ट्रायल कर रहे हैं। कारण यह कि अगर इस सेक्शन पर कोई ट्रेन खरा उतर गई तो कहीं भी उतर सकती है।
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ट्रायल के दौरान हुई थी ट्रिपिंग
ट्रेन-18 के ट्रायल के दौरान मुरादाबाद सेक्शन में कई जगहों पर ट्रिपिंग होने के कारण ट्रेनें रुक गई थीं। इसकी रिपोर्ट सीनियर डिविजन इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने 19 नवंबर को उत्तर रेलवे के प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, डीआरएम मुरादाबाद और सीईईडी को भेजी थी। यह रिपोर्ट उत्तर रेलवे को भेजी गई, लेकिन महाप्रबंधक ने इससे अनभिज्ञता जाहिर की।
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कोहरे में ट्रेनें होंगी लेट
महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा कि कोहरे के दौरान ट्रेनें लेट जरूर होंगी, लेकिन सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है। इंजनों में विशेष डिवाइस लगाया गया है जो चालक को 300 मीटर पहले सिग्नल की जानकारी देगा। इसमें जीपीआरएस के माध्यम से मैपिंग होती है। रिफ्लेक्टर टेप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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स्टील घोटाले पर बोले, यातायात बेशक रुके, सुरक्षा जरूरी
जम्मू-ऊधमपुर सहित कई सेक्शनों में बड़े पैमाने पर स्टील घोटाले के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह मामला विद्युतीकरण विभाग से जुड़ा है। स्ट्रक्चर में कम वजन के स्टील को नहीं उखड़वाने के सवाल पर जीएम ने कहा कि सुरक्षा सबसे जरूरी है चाहे रेल यातायात क्यों न रोकना पड़े। वह इस संबंध में पता करेंगे।
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पूरी तरह वातानुकूलित होगी ट्रेन
यह ट्रेन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आइसीएफ) में बनाई गई है। इसमें 14 डिब्बे चेयरकार व दो एग्जीक्यूटिव क्लास के होंगे। सभी एक दूसरे से जुड़े होंगे। एग्जीक्यूटिव क्लास में 56 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि दूसरे में 18 यात्री बैठ पाएंगे। सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स दिए गए हैं ताकि यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू मेंबर से बात कर सकें।
सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि सुरक्षित सफर हो। स्टेनलेस स्टील की बॉडी वाली इस ट्रेन में वाई-फाई, एलईडी लाइट, पैसेंजर इनफर्मेशन सिस्टम और पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी। ट्रेन में हलोजन मुक्त रबड़-ऑन-रबड़ का फर्श के साथ ही मॉड्यूलर शौचालयों में एस्थेटिक टच-फ्री बाथरूम होंगे। सामान रखने वाला रैक ज्यादा बड़ा रहेगा, इससे यात्री अधिक सामान आसानी से रख सकेंगे। ट्रेन के डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी। यह कदम विकलांग यात्रियों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

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