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    ज्‍योतिषियों के उपाय, पत्‍नी को हमेशा रखें बाएं तो जीवन होगा मंगलमय

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2016 06:17 PM (IST)

    अंबाला में आयोजित राष्‍ट्रीय ज्‍योतिष मेले में ज्‍याेतिषियों ने आम जीवन को सुखमय बनाने के रोचक उपाय बताए। इस मेले में 500 से अधिक ज्‍या‍ेषियों ने भाग लिया।

    जेएनएन, अंबाला। ज्योतिषियों का कहना है कि यदि पत्नी अधिक खर्च करती है तो आप आसान उपाय कर इस पर अंकुश लगा सकते हैं। पत्नी की फिजुलखर्ची से परेशान लोग जब भी बाजार में शॉपिंग के लिए जाएं तो उन्हें अपने बायीं ओर रखें। इसके साथ ही पत्नी को हमेशा अपने बायीं ओर रखना चाहिए। यहां आयोजित राष्ट्रीय ज्याेतिष मेले में इस तरह के कई बातों पर चर्चा हुई। मेले में कुंडली मिलान, विवाह और संतान आदि विषयों पर मंथन हुआ।

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    राष्ट्रीय ज्योतिष मेले में 500 से अधिक ज्योतिषाचार्यों ने लिया भाग

    मेले में देशभर से करीब 500 ज्योतिषाचार्यों ने हिस्सा लिया और विभिन्न मुद्दों और मिथ्या पर मंथन कर तर्क सहित उनके कारक और कारणों व निवारण के सरल तरीके बताए। इस दो दिवसीय मेले का आयोजन यहां बीपीएस जैन स्कूल में किया गया था।

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    शनि व मंगल ग्रह के जन्म कुंडली में स्थान और व्यक्ति के जीवन पर असर के बारे में हुई चर्चा

    ज्योतिष मेले में मध्यप्रदेश से आए ज्योतिषाचार्य हरिओम ने बताया कि पत्नी को हमेशा बाएं हाथ की तरफ रखें तो जीवन मंगलमय रहेगा। इससे खर्चे भी कम होंगे। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यदि बाजार में पत्नी बाएं हाथ की तरफ चलेगी तो कम खर्च कर करेगी, लेकिन दायं हाथ की तरफ होगी तो खर्चे भी ज्यादा कराएगी और दुकानों के दर्शन भी अधिक कराएगी।

    धनहानि हो तो उचित सलाह दें

    ज्योतिषाचार्य शरद त्रिपाठी ने बताया कि यदि कुंडली में धन हानि है तो ज्योतिषाचार्य जातक को घर खरीदने या अन्य उपयोगी सामान खरीदने के लिए कह दें। इससे भारी धन का चला जाएगा। इससे धन की हानि तो हो जाएगी लेकिन उसका धन सही जगह लग जाएगा और उसे इससे भविष्य में लाभ ही होगा।

    ज्योतिष मेला में मौजमद लोग।

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    कुंडली में 18 गुणों का मिलान उत्तम

    ज्योतिषाचार्य अरुण बंसल ने बताया कि शादी करते हुए वर-वधू के बीच 36 में से 18 गुणों को मिलना उत्तम माना जाता है। 15 गुण मिलना भी अच्छी मैचिंग है, लेकिन यदि दोनों के 12-13 गुण ही मिलते हैं तो जीवन में दोनों के बीच लड़ाई-झगड़े अधिक रहेंगे। इसके विपरीत यदि दोनों में केवल दो-तीन गुण ही मिलते हैं और ऐसे युवक-युवती की शादी करा देते हैं तो झगड़े होने की संभावनाएं बेहद कम रह जाती हैं। क्योंकि दोनों एक दूसरे से अपेक्षाएं ही नहीं करेंगे।

    आंशिक मांगलिक होने पर अमांगलिक के साथ करा सकते हैं शादी

    ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि मांगलिक मिलान में केवल सातवें घर का मंगल ही दोष देता है बाकि घरों बारहवें, एक, चार और आठवें घर में मंगल दोष ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता। इसके आंशिक मांगलिक भी कह देते हैं। ऐसे जातक की आंशिक मांगलिक व अमांगलिक जातक या मांगलिक से भी शादी हो जा सकती है।

    ज्याेतिष सम्मेलन के दौरान अपनी समस्याओं के बारे में ज्याेतिषियों से राय लेते लोग।

    मंगल दोष से ज्यादा शनि दोष का असर, दो-तीन शादियों का कारक

    विद्वानों ने बताया कि मंगल से भी ज्यादा प्रभावशाली शनि ग्रह है। शनि यदि सातवें भाव में हो तो वह दो या इससे अधिक शादी के योग बनता है। मंगल यदि 10वें भाव में हो तो लेट शादी के योग बनाता है या फिर 30 साल की आयु तक झगड़े कराता है।

    पितृ दोष का निवारण जरूरी

    संतान पक्ष पर ज्योतिषाचार्य ललित शर्मा ने बताया कि पितृ दोष यदि जन्मकुंडली में है तो संतान नहीं होती या देर से होती है या होकर मृत्यु हो जाती है। इसके लिए पितृदोष की शांति करानी चाहिए। पितृ दोष राहू-शनि के पंचम भाव पर दुष्प्रभाव से बनता है।

    कर्म और भाग्य एक ताले की दो चाबियां

    कार्यक्रम के अंतिम सत्र में फिल्म कलाकार विशाल मल्होत्रा और जिला सत्र न्यायधीश दीपक गुप्ता ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। दीपक गुप्ता ने कहा कि कर्म और भाग्य एक ताले की दो चाबी हैं। यदि व्यक्ति के पास दोनों चाबी हों तभी फल मिलेगा। ज्योतिष कुंडली देखकर यह तो बता देगा कि बच्चा डॉक्टर बनेगा लेकिन डॉक्टर बनने के लिए कर्म करना पड़ेगा। इसीलिए कर्म और भाग्य दोनों साथ होने जरूरी हैं।