तो यहां से हमारे देश में आया समोसा और ऐसे मिला उसे चटपटे आलू का साथ
जिस समोसे को देख कर मुंह में पानी जाता है, उसका इतिहास भी उतना ही दिलचस्प रहा है।
मसालेदार आलू भरे समोसे का नाम लेते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। गांव से लेकर शहरों-कस्बों के हर गली-नुक्कुड़ पर बिकने वाला सदाबहार समोसों का हर कोई दीवाना होता है। पर क्या आपको पता है कि यह समोसा कहां से आया और कब इसे आलू का साथ मिल गया?
दरअसल, हमारे देश की खास पहचान बन चुका समोसा ईरान से यहां आया है। फारसी भाषा में इसे 'सम्मोकसा' कहा जाता है। कहा जाता है कि करीब ढाई हजार साल पहले मध्य एशिया से आने वाले आर्य के साथ ही यह भारत आया। दसवीं सदी के करीब महमूद गजनवी के दरबार में एक शाही पेस्ट्री पेश की जाती थी, जिसमें कीमा भरा हुआ होता था। इसका स्वाद काफी कुछ समोसे जैसा ही होता था।
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16वीं सदी में पुर्तगाली जब अपने साथ आलू लाए, तो इसे यहां काफी पसंद किया गया। आलू इस कदर लोकप्रिय हुआ कि जल्द ही यह यहां की पहचान बन गया। इसी के साथ समोसे को भी आलू का साथ मिल गया। आज समोसे के साथ भले ही तरह-तरह के प्रयोग किए जाते हैं और उसमें मटर, ड्राई फ्रूट्स से भरा जाता है लेकिन जो बात खालिस भुने मसालेदार आलू भरे समोसे में है, वह लज्जत कहीं और कहां..।
जेएनएन