रिसर्च में आया सामने, ये है हकलाने की असली वजह
भारतीय मूल के शोधकर्ता जय देसाई ने यह रिसर्च किया है, इससे हकलाने को लेकर नई जानकारी निकलकर सामने आई है।
जी हां, हकलाने की वजह का पता चल गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि दिमाग के उस हिस्से में जहां बोलने की उत्पत्ति होती है वहां खून के कम प्रवाह के कारण लोग हकलाने लगते हैं। इसकी पहचान होने से अब उपचार की नई थेरेपी विकसित करने की राह आसान हो सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, मष्तिष्क के ब्रोका भाग में खून का प्रवाह कम होने से व्यक्ति को हकलाने की समस्या से जूझना पड़ता है। यह भाग मष्तिष्क के अग्र हिस्से में स्थित है। इसका सीधा जुड़ाव बोलने की उत्पत्ति से है। दिमाग के इस भाग में खून के प्रवाह में अत्यधिक कमी आने से लोग बहुत अधिक हकलाने लगते हैं।
अमेरिका की सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के शोधकर्ता जय देसाई ने कहा कि हकलाने वाले लोगों के दिमाग में खून के प्रवाह को लेकर इस तरह का अध्ययन पहले कभी नहीं किया गया था। इससे हकलाने को लेकर नई जानकारी निकलकर सामने आई है। अब वैज्ञानिक इसके प्रभावी उपचार पर गौर कर सकेंगे।
पीटीआई
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