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    जानें कैसे रखें अपने वाइ-फाइ को सुरक्षित

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Tue, 14 Mar 2017 03:19 PM (IST)

    इंटरनेट से जुड़ने का सबसे आसान सा माध्यम है वाइ-फाइ। लोग मोबाइल इंटरनेट से ज्यादा इसे प्रथमिकता देते हैं। लेकिन इसेक हैक होने के भी चांसेस उतने ही हैं।

    जानें कैसे रखें अपने वाइ-फाइ को सुरक्षित

    आज हर कोई इंटरनेट से जुड़ा है और लगभग हर घर में आपको वाइ-फाइ सेवा मिल जाएगी, क्योंकि मोबाइल के मुकाबले वाइफाइ से इंटरनेट काफी सस्ता पड़ता है। इससे एक बार में कई सारे डिवाइस जुड़ जाते हैं। लेकिन आपकी जरा सी लापरवाही से आपका वाइ-फाइ हैक हो सकता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप सवाधान रहें :

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    -वाइ-फाइ को सुरक्षित रखने का पहला तरीका यह है कि जैसे ही आप वाइ-फाइ राउटर को एक्टिव करते हैं, उसके डिफॉल्ट यूजरनेम और पासवर्ड को बदल दें, क्योंकि ब्रांड के हिसाब से यूजरनेम और पासवर्ड समान हो सकता है, जिसे आसानी से हैक किया जा सकता है। कई लोगों को लगता है कि आइडी पासवर्ड भूल जाएंगे तो उससे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि पासवर्ड रिसेट का विकल्प होता है।

    - यूजरनेम और पासवर्ड के साथ ही आप डिफॉल्ट नेटवर्क एसएसआइडी (सर्विस सेट आइडेंटिफायर) नाम भी जरूर बदलें। इससे राउटर की पहचान में आसानी होगी।

    - पिछले दस सालों से जितने भी वाइ-फाइ राउटर लॉन्च हो रहे हैं , उनमें एन्क्रिप्शन का विकल्प होता है। इसका उपयोग जरूर करें। यह आपके नेटवर्क को लॉक करता है। एन्क्रिप्शन का विकल्प आपको राउटर की सेटिंग में जाकर सिक्योरिटी के अंदर मिलेगा।

    -वाइ-फाइ राउटर को हैकिंग से बचाने के लिए जरूरी है कि उसे वायरस से भी बचाकर रखा जाए। ऐसे में अपने राउटर में फायरवॉल को जरूर इनेबल करके रखें। हो के तो जितने डिवाइस वाइ-फाइ से कनेक्टेड हैं, उन सभी में भी एंटीवायरस का उपयोग करें। इससे भी आपके वाइ-फाइ की सुरक्षा पुख्ता होगी।

    -वाइ-फाइ के उपयोग में गेस्ट नेटवर्क का भी ऑप्शन दिया जाता है। जहां बिना एन्क्रिप्शन पासवर्ड के भी लोगों को इंटरनेट के उपयोग की अनुमति दी जाती है, लेकिन इस विकल्प को ऑफ ही रखें तो ज्यादा बेहतर है।

    - मोबाइल और कंप्यूटर की तरह ही वाइ-फाइ राउटर का भी फर्मवेयर अपडेट आता है। इसे आप जरूर अपडेट करें, क्योंकि हर अपडेट में कंपनी सुरक्षा की खामियों को दूर कर उसे और पुख्ता करने की कोशिश करती है।

    -इंटरनेट का उपयोग करते हैं, तो वहां आपको आइपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस डालना होता है। इसी तरह उसमें डीएचसीपी (डायनेमिक होस्ट कंट्रोल प्रोटोकॉल) भी होता है। इसमें आप सेट कर सकते हैं कि कितने लोग आपके वाइ-फाइ का उपयोग कर सकते हैं। जैसे यदि आपने डीएचसीपी 192.168.0.100 से 192.168.0.125 तक सेट करते हैं तो इसमें 26 लोग ही आपके इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे। ऐसे में आप डीएचसीपी को प्रोटोकॉल सेटिंग से जाकर डिसेबल कर दे। जिसे यूज करना होगा, उसके लिए अलग से प्रोटोकॉल बनाए तो ज्यादा बेहतर है। इन सुरक्षा उपायों से कोई बाहरी इसका उपयोग नहीं कर पाएगा।

    प्रस्तुति- मुकेश सिंह