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    सूरत तक पहुंची पाटीदार आरक्षण की आंच

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 21 Apr 2016 04:03 AM (IST)

    9 महीनों बाद पाटीदार आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से हिंसक हो गया है। महेसाणा में रविवार को ‘जेल भरो आंदोलन’ के दौरान हुई हिंसा की आंच अब धीरे-धीरे अन्य शहरों तक भी पहुंच गई है। महेसाणा और अहमदाबाद के बाद अब सूरत में भी पाटीदार सड़कों पर उतर आए।

    सूरत। गुजरात में 9 महीनों बाद पाटीदार आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से हिंसक हो गया है। महेसाणा में रविवार को ‘जेल भरो आंदोलन’ के दौरान हुई हिंसा की आंच अब धीरे-धीरे अन्य शहरों तक भी पहुंच गई है। महेसाणा और अहमदाबाद के बाद अब सूरत में भी पाटीदार सड़कों पर उतर आए हैं और जमकर उत्पात मचा रहे हैं।

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    - शहर के वराछा इलाके में स्थित मातावाडी पुलिस थाने को उपद्रवियों ने निशाना बनाया।
    - थाने में जमकर तोड़फोड़ की और दस्तावेजों सहित लैपटॉप और कम्प्यूटर तोड़ कर थाने में आग लगा दी गई।
    - उपद्रवियों की संख्या इतनी थी कि पुलिस उन पर कंट्रोल नहीं कर सकी। सूरत में भी 144 धारा लगा दी गई है।
    - बता दें कि सूरत में पाटीदारों की संख्या बहुत है। बीते साल अगस्त में हुई हिंसा का सबसे ज्यादा असर सूरत में ही हुआ था।


    लालजी पटेल के जख्मी होने के बाद भड़की हिंसा


    - जेल भरो आंदोलन के तहत पाटीदार समुदाय के हजारों लोग महेसाणा में जमा हुए थे।
    - इसी दौरान इनकी पुलिस से झड़प हो गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
    - इसमें सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के अध्यक्ष लालजी पटेल घायल हो गए।
    - लालजी पटेल के जख्मी होने के बाद शहर में हिंसा भड़क उठी।
    - शहर में कफ्यरू लगाने के साथ ही मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
    - हिंसा भड़कने की आशंका के चलते अन्य जिलों से भारी पुलिस बल महेसाणा भेजा गया है।
    - गुजरात सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने पाटीदारों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
    - महेसाणा में नितिन पटेल के ऑफिस पर भी हमला हुआ है।

    हार्दिक के बाद अब लालजी पटेल ही आंदोलन आगे बढ़ा रहे हैं


    - बता दें कि आंदोलन के कन्वीनर हार्दिक पटेल राजद्रोह के मामले में पिछले 8 महीनों से जेल में हैं।
    - अब आंदोलन लालजी पटेल के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है।
    - राज्य भर में पाटीदार अलग-अलग तरीकों से गुजरात सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।