राहुल से मिलकर भी नाखुश हैं वाघेला
शंकर सिंह वाघेला की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की खींचतान थमती नजर नहीं आ ही है।
अहमदाबाद [ शत्रुघन शर्मा ]। गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला की दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद भी प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की खींचतान थमती नजर नहीं आ ही है। वाघेला ने आते ही कहा कि आज तक तो कांग्रेस में हैं कल का पता नहीं। वाघेला जल्दी ही एक बार फिर राहुल से मिलने जाएंगे। राहुल व वाघेला की मुलाकात के बाद भी गुजरात कांग्रेस में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। फिर दिल्ली जाने का संकेत वाघेला की नाराजगी को दर्शाता है। गुजरात में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस ने ही कमर कस ली है। राकांपा-जदयू गठबंधन भी चुनाव में उतरने जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने फिलहाल राज्य में चुनाव लडऩे से तौबा कर ली है।
कांग्रेस ने जोरदार तैयारी की है, लेकिन प्रदेश के नेताओं में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर मची होड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के आगे कांग्रेस की योजना फीकी नजर आ रही है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वाघेला पार्टी के साथ विवाद को जीविंत रखना चाहते हैं। इससे आने वाले दिनों में उन्हें फायदा होगा। वाघेला खुद को कांग्रेस में असहज बताने से भी परहेज नहीं करते। प्रदेश कार्यकारिणी में उन्होंने कहा था कि 18 साल बाद भी कांग्रेस में उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने वाघेला के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बापू यह कहें कि आज तक तो जी रहा हूं कल का पता नहीं तो मीडिया उसका भी अपने तरीके से अर्थ निकल सकता है। वाघेला के करीबी यह संकेत दे रहे हैं कि बापू अगस्त तक इस विवाद को हवा देते रहेंगे। बाद में अपने विधायक पुत्र महेंद्र सिंह व समर्थकों की भाजपा में एंट्री करा सकते हैं। वह दो नावों की सवारी करना चाहते हैं।
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