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    पाटीदारों को मनाने के लिए आनंदीबेन निभाएंगी अहम रोल

    पाटीदारों के अलावा आनंदीबेन राज्य के लाखों महिला मंडल, आशावर्कर, आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं में भी खासी पकड रखती हैं।

    By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 04 Oct 2017 02:35 PM (IST)
    पाटीदारों को मनाने के लिए आनंदीबेन निभाएंगी अहम रोल

    अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार रात्रि पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर गुजरात चुनाव के संबंध में चर्चा की। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में आनंदीबेन का अहम रोल होगा तथा पाटीदारों को मनाने के लिए भाजपा उन्हें आगे कर सकती है। 

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    गुजरात में पाटीदार समुदाय भाजपा का कोर वोट बैंक है तथा आरक्षण आंदोलन के चलते यह भाजपा से नाराज है, गत दिनों उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, मंत्री नानू वानाणी, ग्रह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा आदि नेताओं ने पाटीदार समाज की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों से चर्चा कर उनकी 4 बड़ी मांग स्वीकार कर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। लेकिन आरक्षण की मुख्य मांग पर चर्चा नहीं होने से पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया। आंदोलन के चलते ही आनंदीबेन को मुख्यमंत्री पद खोना पडा था इसलिए पाटीदारों व हार्दिक पटेल के मन में आनंदीबेन को लेकर हमदर्दी भी है। 

     

    भाजपा रुठे पाटीदारों को मनाने के लिए अब आनंदीबेन को आगे कर सकते हैं, हालांकि भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों ने अभी तक किसी नेता को भावी मुख्यमंत्री के रुप में प्रोजेक्ट नहीं किया है लेकिन सब जानते हैं कि इस बार दोनों ही प्रमुख दलों में आलाकमान ही सब तय करेगा। शाह व आनंदीबेन पटेल के बीचउम्मीदवारों को लेकर चर्चा होने की अटकलें तेज हैं तथा यह भी माना जा रहा है कि आनंदीबेन बडी संख्या में अपने समर्थक विधायक व नेताओं को टिकट दिलाने के लिए सूची थमा चुकी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अमित शाह फैसले करने को स्वतंत्र हैं लेकिन गुजरात में आनंदीबेन पूरी तरह सक्रिय हैं इसलिए राज्य चुनाव में उनकी भी अहम भूमिका है। 

     

    पाटीदारों के अलावा आनंदीबेन राज्य के लाखों महिला मंडल, आशावर्कर, आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ताओं में भी खासी पकड रखती हैं। शाह व आनंदीबेन के बीच राज्य के अन्य कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। आशंका जताई जा रही थी कि आगामी चुनाव में टिकटों को लेकर आनंदीबेन व अमित शाह गुट के बीच खींचतान मच सकती है। पूर्व मंत्री नरोत्तम पटेल व पंचायत राज मंत्री जयंती कवाडिया के चुनाव नहीं लडऩे के बयान के बाद माना जा रहा था कि कुछ और मंत्री व विधायक आगामी चुनाव लडने के इच्छुक नहीं हैं तथा संगठन में काम करना चाहते हैं। इनके पीछे कारण जो भी रहा हो लेकिन राज्य में शाह व आनंदीबेन की दो मजबूत लॉबी काम कर रही है जिसका असर आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा।