रक्षाबंधन स्पेशल: बहना के हाथों पर मुस्कराई मेहंदी
सावन के साथ ही शुरू हो जाता है त्योहारों का मौसम। नागपंचमी और तीज के बाद अब दस्तक दे रहा है रक्षाबंधन का त्योहार
सावन में चारों ओर खिल चुकी है हरियाली। एकओर जहां पेड़ों पर पड़े झूले युवतियों को बुलाते हैं तो वहीं दूसरी ओर सावन के महीने में साज-श्रंगार का भी अलग क्रेज नजर आता है। हरी-हरी चूडिय़ों के साथ जब तक हाथों में मेहंदी न सजे, तब तक सावन का उत्साह अधूरा है। दरअसल सावन के साथ ही शुरू हो जाता है त्योहारों का मौसम। नागपंचमी और तीज के बाद अब दस्तक दे रहा है रक्षाबंधन का त्योहार यानी सजने-संवरने और हाथों में मेहंदी रचाने का है ये खास मौका। शुभता की प्रतीक मेहंदी की पारंपरिक डिजाइंस में मयूर, मछली, आम व कलश इत्यादि का इस्तेमाल अधिक होता है। इसके साथ ही इसमें बारीकी अधिक होती है। अरेबिक डिजाइंस भी युवतियों के बीच हैं बेहद लोकप्रिय। इसमें सादगी व सुंदरता का होता है खूबसूरत मेल। बड़े फूल और पत्तियों की बेल व उसमें शेडिंग अरेबिक डिजाइंस की खासियत है। इसमें हाथ इतना भरा हुआ नहींलगता। आजकल
तो मेहंदी से टैटू बनवाने का चलन भी जोर पकड़ चुका है।
कुछ खास टिप्स
- मेहंदी लगवाने से पहले हाथों व पांवों को भली प्रकार साफ करके उनमें मॉइश्चराइजिंग क्रीम लगाएं। चाहें तो मैनीक्योर व पैडीक्योर भी करवा सकती हैं।
- बालों को शैंपू करना है तो मेहंदी लगाने से पूर्व ही इसे कर लेना अच्छा रहेगा, ताकि मेहंदी का रंग अधिक समय तक चढ़ा रह सके।
- मेहंदी जब हल्की सूखने लगे तो उस पर नींबू और चीनी का घोल रुई के फाहे से लगाएं। इससे मेहंदी में नमी रहेगी व वह देर तक हाथों पर रहेगी।
- नींबू व चीनी का घोल लगाने के 15 मिनट बाद मेहंदी पर ऊपर से रूई के फाहे से सरसों का तेल लगाएं।
- पर्याप्त समय तक मेहंदी रखने के बाद बटरनाइफ से मेहंदी छुड़ाएं और हाथों में दोबारा सरसों का तेल लगाएं। याद रखें कि मेहंदी छुड़ाने के लिए पानी का इस्तेमाल कतई न करें। उसके बजाय पेपर नैपकिन का इस्तेमाल करें।
- जिस दिन मेहंदी लगाएं, उस दिन कोशिश करें कि हाथ में पानी न लगे। इससे मेहंदी का रंग गहरा होगा।
कीर्ति सिंह