अर्जुन के रोल ने मुझे बदल दिया-शाहिर शेख
मुंबई। शाहिर शेख ने कभी नहीं सोचा था कि वे अभिनय की दुनिया में आएंगे। वे तो पुणे से वकालत की पढ़ाई करने के बाद जॉब में ख्ेाुश थे, लेकिन किस्मत में लिखा था अभिनय करना, तो वे आ गए अभिनय की दुनिया में। शाहिर कहते हैं, 'आपकी किस्मत में क्या लिखा होता है, यह किसी
मुंबई। शाहिर शेख ने कभी नहीं सोचा था कि वे अभिनय की दुनिया में आएंगे। वे तो पुणे से वकालत की पढ़ाई करने के बाद जॉब में ख्ेाुश थे, लेकिन किस्मत में लिखा था अभिनय करना, तो वे आ गए अभिनय की दुनिया में। शाहिर कहते हैं, 'आपकी किस्मत में क्या लिखा होता है, यह किसी को पता नहीं होता। मेरी अभिनय में जरा भी रुचि नहीं थी, लेकिन जब करने लगा, तो मजा आने लगा।'
शाहिर इन दिनों स्टार प्लस पर आ रहे धारावाहिक 'महाभारत' में अर्जुन की भूमिका निभा रहे हैं। वे इस भूमिका को मिलना अपने लिए किस्मत की बात मानते हैं। शाहिर से बात होती है कि जब उन्हें अर्जुन के रोल के लिए चुना गया तो सबसे पहले उन्होंने क्या सोचा? वे बताते हैं, 'मैं सही में घबरा गया था। दरअसल, अर्जुन ऐसा चरित्र है, जिसके बारे में सभी जानते हैं। वे कैसे धनुर्धर थे या कैसे इंसान थे, इस बारे में हम जानते हैं। ऐसे महान लोग को जब आपको जीना हो, तो सोच कर ही मन परेशान हो जाता है। मैंने भी हां, तो कह दिया, लेकिन यह तय कर लिया कि इसके लिए मुझे काफी मेहनत करनी होगी। जैसे मैं मूल रूप में भदरवा, जम्मू का हूं तो मेरी उर्दू अच्छी है, मैं कश्मीरी भाषा भी बोल सकता हूं और हिंदी भी, लेकिन जिस तरह की हिंदी महाभारत काल में बोली जाती थी, उसमें कुछ संस्कृत के शब्द भी होते हैं, तो यह मेरे लिए बिल्कुल भी आसान काम नहीं था।'
फिर शाहिर ने इसके लिए क्या तैयारी की? वे बताते हैं, 'वैसे तो आपने देखा होगा कि इस शो में काम करने वाले सभी कलाकार ऐसे नहीं हैं, जो बहुत ज्यादा चर्चित हों। जो चरित्र बड़ी उम्र के हैं उनके लिए उसी उम्र के लोग रखे गए हैं और हम सभी के लिए वर्क शॉप होता था। हमें कैसे बोलना है, चलना है और कैसे क्या करना है, इस बारे में ध्यान दिलाया गया। फिर काम शुरू हुआ। यह प्रयास आज भी जारी है और मेरी समझ से जब तक काम चलता रहेगा, यह जारी रहेगा, क्योंकि पड़ाव के साथ लोगों के एटिट्यूड बदले हैं, तो हमें उन बातों को भी ध्यान में रखना होगा।'
अर्जुन की इस भूमिका से शाहिर शेख में क्या बदलाव आया? वे कहते हैं, 'मैं तो बहुत बदला हूं अर्जुन की भूमिका निभाकर। मैंने अभी तक जितना काम किया है और जो सीखा है वह बहुत है और यह मेरी जिंदगी में अहम भूमिका उम्र भर निभाता रहेगा। दरअसल, मैं पहले बहुत आलसी था। इस रोल ने मुझे डिसिप्लीन सिखाया कि समय के चूकने पर क्या नुकसान होता है। किसी काम में ध्यान लगाए रखना, वह भी शारीरिक और मानसिक रूप से, यह सब सीख मिली। समय के साथ चलना और अर्जुन जबकि बहुत बड़े धनुर्धर थे, तब भी उनमें सीखने की बड़ी चाह थी, ललक थी, हर काम के लिए कोशिश करते थे। भाइयों के बीच कैसे अपनी बात रखनी है और कैसे बड़ों का आदर करना है और छोटों को प्यार देना और उसे किस तरकीब के साथ समझाना है कि वे मान जाएं और उन्हें गलत और सही का फर्क समझ भी आ जाए, ये सब बातें उनसे सीखने को मिलती है।'
पढ़े:इस सीरियल ने तोड़े टीआरपी के सभी रिकॉर्ड
शाहिर जब जॉब कर रह रहे थे, तभी उन्हें डिज्नी के लिए पहला शो करने का ऑफर मिला। वे इस सोच के साथ कि चलो एंजॉय करते हैं, काम स्वीकार कर लिया। उनका पहला सीरियल था 'क्या मस्त है जिंदगी'। फिर 'झांसी की रानी' में नाना साहब की भूमिका निभाई। कुछ और शो किए, उसके बाद यह सीरियल यानी 'महाभारत' करने के लिए मिला। इस सीरियल के किन कलाकारों को शाहिर काम को लेकर पसंद करते हैं? वे बताते हैं, 'कृष्ण, बलराम, भीष्म, विदुर के रोल करने वाले कलाकारों का काम
मुझे पसंद है।'
अब शाहिर अभिनय की दुनिया में आ गए हैं, तो क्या वे फिल्मों में भी काम करेंगे? उनका जवाब होता है, 'छोटी वजट की फिल्म करने से अच्छा है बड़े बजट का धारावाहिक करना। फिर इसमें मेरी मुख्य भूमिका है, तो फिर मैं क्यों जाऊं फिल्मों की ओर?' लेकिन टीवी पर काम करने वाले हर कलाकार की अंतिम इच्छा यही होती है कि उन्हें फिल्म में काम मिले? 'लेकिन मैं वैसी सोच नहीं रखता।' शाहिर कहते हैं, 'मैं सही में ऐसी ही सोच रखता हूं और आगे भी यही रखूंगा। मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। मुझे फिल्म ऑफर हुई थी, लेकिन मैंने मना कर दिया।' अब आगे क्या? शाहिर करते हैं, 'अभी तो लंबा काम बचा हुआ है। 'महाभारत' छोटी कहानी नहीं है। फिर यह कहानी कितनी बड़ी होगी, इसे निर्माता और निर्देशक तय करते हैं। मैं अभी और कुछ नहीं सोच रहा।'
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