फिल्म रिव्यू : टुमारोलैंड
फिल्म टुमारोलैंड की घोषणा दो साल पहले हुई थी मगर दो साल बाद जब फिल्म आई तो दर्शकों को निराशा हुई।
कास्टः जॉर्ज क्लूनी, ह्यू लॉरी, ब्रिट रॉबर्टसन
निर्देशकः ब्रैड बर्ड
टुमारोलैंड का निर्देशन किया है ब्रेड बर्ड ने। फिल्म को लिखा है लिंडलोफ ने। जब इस बात की घोषणा पहली बार की गई थी तो दर्शकों को बताया गया कि यह फिल्म एक वैज्ञानिक पर आधारित है। इसमें एक लड़की है और एक रोबोट है जो टुमारोलैंड को बचाने के लिए कोशिश में लगे रहते हैं। दो साल बाद जब फिल्म रिलीज हुई तो थोड़ी निराशाजनक रही। कारण कि फिल्म को लेकर उम्मीदें बहुत थी। यह बिलकुल ऐसा था कि मिस्ट्री बॉक्स खुला और उसमें से कुछ भी नहीं निकला।
एक लड़की है केजी (ब्रीट रॉबर्टसन) जिसे एक अनजान लड़की ने चुना है। टुमारोलैंड भविष्य का वर्जन है पृथ्वी का। टुमारोलैंड किसी भी तरह से सपनों की दुनिया में परिवर्तित हो पाता है। छोटी लड़की जो है वो एकाएक रोबोट बन जाती है। इसके बाद दो वैज्ञानिकों के साथ मिलकर यह काम शुरू करते हैं। इसके आसपास घूमता है फिल्म का ताना-बाना।
यदि आपको लगता है कि यह कुछ ठीक है तो आप अकेले नहीं है। ब्रेड बर्ड फिल्म होने के बावजूद टुमारोलैंड अपने आपको डिज्नी मूवी होने से रोकती प्रतीत होती है। फिल्म अच्छी दिखती है। डिज्नी अपनी फिल्म टूडी में प्रेजेंट करता है बजाए थ्रीडी के। यह भी एक सीक्वेंस ही है। बर्ड के डायरेक्शन में परफेक्शन है इस बात में कोई संदेह नहीं है। मिस्ट्री और मनोरंजन का अहसास इस बात को मजबूती देता है। यही कारण है कि फिल्म में आप बोर नहीं होते हैं।किसी भी फिल्म का रिव्यू पढ़ने के लिए क्लिक करें