फिल्म रिव्यू : सबकी बजेगी बैंड (1 स्टार)
फिल्म 'सबकी बैंड बजेगी' भद्दे जोक्स और कमजोर परफॉर्मेंस के कारण एक बुरी फिल्म के रूप में सामने आई हैं।
डायरेक्टर - अनिरुद्ध चावला
कास्ट - सुमित व्यास, स्वरा भास्कर, आलेख सेंगल
स्टार - 0.5
यह फिल्म दावा करती है कि यह भारत की पहली रियलिटी फिल्म हैं। फिल्म में एक सीन है जिसमें एक लड़का कंडोम को चुइंगम समझकर चबाता हुआ दिखाई देता है। इस तरह के दृश्य फिल्म को तथाकथित रूप से बोल्ड बनाते हैं। पूरी फिल्म में ज्यादातर मौकों पर सेक्स के बारे में ही बात होती रहती हैं। भद्दे जोक्स भी सेक्स, एडल्ट, कंडोम आदि पर आधारित दिखते हैं।
फिल्म की कहानी तो और भी ज्यादा रोचक है। इसमें युवाओं का एक समूह है जो एक घर पर पार्टी के लिए इकट्ठा हुआ है। पार्टी का होस्ट एक आरजे है। वो यह तय करता है कि उन्हीं लोगों के बीच रहकर एक फिल्म बनाएगा। इस दौरान कई राज बाहर आते है। यह कंसेप्ट बहुत ही इंट्रेस्टिंग हो सकता था यदि डॉयलाग और एक्सीक्यूशन अच्छा होता तो।
फिल्म में कुछ अविश्वसनीय सीन है जैसे एक महिला कहती हैं कि वो गे है। दूसरा एक संवाद है कि 'कोई तुम पर चढ़ेगा तो तुम करियर में ऊपर चढ़ोगे'। ऐसे ही कुछ बातों के साथ हिलता हुआ कैमरा, खराब जोक्स और बुरा परफॉर्मेंस यह तमाम बातें इसे कमजोर फिल्म साबित करती हैं।