फिल्म रिव्यू: प्लेइंग इट कूल (1 स्टार)
अच्छी फिल्म के लिए जरूरी होता है कि स्क्रिप्ट के साथ प्रोडक्शन भी अच्छा हो। मगर इस फिल्म के साथ ऐसा नहीं हुआ।
स्टारिंग - क्रिस इवंस, माइकल मोनागन
डायरेक्टर - जस्टिन रीअरडॉन
कुछ फिल्में ऐसी बन जाती है जो थिएटर तक आते-आते ही अपना चार्म खो देती हैं। यहां आपको कुछ बोरिंग फेस नजर आते हैं। स्क्रीन पर हर बात की कमी दिखती है। एनर्जी भी कम दिखाई देती है। यह स्थिति दोनों ही के लिए बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण होती है, जिसमें देखने वाले दर्शक और काम करने वाले कलाकार शामिल होते हैं। इस सप्ताह रिलीज हुई फिल्म 'प्लेइंग इट कूल' के साथ भी कुछ ऐसा ही होता दिखाई देता है।
हालांकि फिल्म स्टार्स के नाम पर फिल्म में कई चर्चित चेहरे हैं। इनमें क्रिस इवंस, माइकल मोनागन, ओब्रे प्लाजा, एंथोनी मैकी जैसे नाम शामिल हैं। बावजूद इसके यह हालत। ऐसा इसलिए क्योंकि यह फिल्म शूट की गई थी साल 2012 में। लंबे समय तक अटकी रही। बाद में यूएस में वीडियो ऑन रिलीज किया गया।
फिल्म में इवंस ने लेखक का किरदार निभाया है। वो बहुत ही बुरा लेखक है। और तो और कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर वो किसी को भी उसके प्यार की याद दिलाता है। इस दौरान वो अपने बीते दिनों को याद करता है, जब उसका समय अपने दोस्तों के साथ बीतता था। बाद में उसके जीवन में एक महिला आती है। नाम होता है मोनागन। वो उसके जीवन को बदलकर रख देती है। चूंकि उसकी शादी होने वाली हो रही होती है इसलिए 'मी' उसे फिर डेट नहीं कर पाता है। नतीजतन चीजें अपने आप और भी कठिन होती जाती है।
फिल्म में कई बार ऐसा महसूस होता है कि डायरेक्टर किसी शो रील को दिखा रहा है बजाए सिनेमा के एक टुकड़े के। एक बेहतरीन स्क्रिप्ट और अच्छा प्रोड्क्शन किसी भी फिल्म की सॉलिड रिलीज के लिए बहुत होता है। मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ है। यह फिल्म बोरिंग है।