Move to Jagran APP

फिल्म रिव्यू: फिसला है रोमांच - कहानी 2 (3 स्‍टार)

दुर्गा रानी सिंह का व्याकुल अतीत है। बचपन में किसी रिश्तेदार ने उसे ‘यहां-वहां’ छुआ था। उस दर्दनाक अनुभव से वह अभी तक नहीं उबर सकी है, इसलिए उसका रोमांटिक जीवन परेशान हाल है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 06:03 PM (IST)
फिल्म रिव्यू: फिसला है रोमांच - कहानी 2 (3 स्‍टार)

अजय ब्रह्मात्मज

loksabha election banner

प्रमुख कलाकार- विद्या बालन, अर्जुन रामपाल
निर्देशक- सुजॉय घोष
स्टार- तीन

चार सालों से ज्यादा समय बीत गया। मार्च 2012 में सीमित बजट में सुजॉय घोष ने ‘कहानी’ निर्देशित की थी। पति की तलाश में कोलकाता में भटकती गर्भवती महिला की रोमांचक कहानी ने दर्शकों को रोमांचित किया था। अभी दिसंबर में सुजॉय घोष की ‘कहानी 2’ आई है। इस फिल्म का पूरा शीर्षक ‘कहानी 2 : दुर्गा रानी सिंह’ है। पिछली फिल्म की कहानी से इस फिल्म का कोई संबंध नहीं है। निर्माता और निर्देशक ने पिछली ‘कहानी’ की कामयाबी का वर्क ‘कहानी 2’ पर डाल दिया है। यह वर्क कोलकाता, सुजॉय घोष और विद्या बालन के रूप में नई फिल्म से चिपका है। अगर आप पुरानी फिल्म के रोमांच की उम्मीद के साथ ‘कहानी 2’ देखने की योजना बना रहे हैं तो यह जान लें कि यह अलहदा फिल्म है। इसमें भी रोमांच, रहस्य और विद्या हैं, लेकिन इस फिल्म की कहानी बिल्कुल अलग है। यह दुर्गा रानी सिंह की कहानी है।

दुर्गा रानी सिंह का व्याकुल अतीत है। बचपन में किसी रिश्तेदार ने उसे ‘यहां-वहां’ छुआ था। उस दर्दनाक अनुभव से वह अभी तक नहीं उबर सकी है, इसलिए उसका रोमांटिक जीवन परेशान हाल है। अचानक छूने भर से वह चौंक जाती है। उसे अपने स्कूल में मिनी दिखती है। मिनी के असामान्य व्यवहार से दुर्गा रानी सिंह को शक-ओ-सुबहा होता है। वह मिनी के करीब आती है। घृणीत भयावह सच जानने के बाद वह मिनी को उसके चाचा और दादी के चुगल से आजाद करना चाहती है। मिनी और दुर्गा की बातचीत और बैठकों से घर की चहारदीवारी में परिवार के अंदर चल रहे बाल यौन शोषण (चाइल्डा सेक्सुअल अब्यूज) की जानकारी मिलती है। सुजॉय घोष ने अपने लेखकों के साथ मिल कर समाज के एक बड़े मुद्दे को रोमांचक कहानी का हिस्सा बना कर चुस्त तरीके से पेश किया है। फिल्म तेज गति से आगे बढ़ती है। मिनी और दुर्गा के साथ हमारा जुड़ाव हो जाता है। दोनों का समान दर्द सहानुभूति पैदा करता है। भोले चाचा और शालीन दादी से हमें घृणा होती है। लेखक-निर्देशक ने कलिम्पोंग की पूष्ठभूमि में यहां तक की कहानी से बांधे रखा है। इंटरवल के बाद कहानी फिसलती है और फिर अनुमानित प्रसंगों और नतीजों की ओर मुड़ जाती है। रोमांच कम होता है, क्योंकि यह अंदाजा लग जाता है कि फिल्म हिंदी फिल्मों के प्रचलित राजमार्ग पर ही आएगी।

एक ही औरत की दोहरी भूमिका में विद्या बालन फिर से साबित करती हैं कि वे ऐसी कहानियों और फिल्मों के लिए उचित अभिनेत्री हैं। दुर्गा रानी सिंह और विद्या सिन्हा के रूप में एक ही औरत के दो व्यक्तियों को उन्होने बखूबी समझा और प्रभावशाली तरीके से जीवंत किया है। दोनों की चिंता के केंद्र में मिनी है, लेकिन समय के साथ बदलते दायित्व को विद्या बालन ने अच्छी तरह निभाया है। विद्या बालन समर्थ अभिनेत्री हैं। वह चालू किस्म की भूमिकाओं में बेअसर रहती हैं, लेकिन लीक से अलग स्वतंत्र किरदार निभाने में वह माहिर हैं। ‘कहानी 2’ ताजा सबूत है। कामकाजी महिला के मोंटाज में विद्या बालन जंचती हैं। इस बार अर्जुन रामपाल भी किरदार में दिखे। उन्होंने इंद्रजीत के रूप में आकर्षित किया। अन्य सहयोगी किरदारों में आए स्थानीय कलाकारों का योगदान उल्लेयखनीय है। जुगल हंसराज की स्वााभाविकता फिल्मी खलनायक बनते ही खत्म हो जाती है। लेखक-निर्देशक उनके चरित्र के निर्वाह में चूक गए हैं।

सुजॉय घोष की फिल्मों में कोलकाता सशक्त किरदार के रूप में रहता है। इस फिल्म में वे कोलकाता की कुछ नई गलियों और स्थानों में ले जाते हैं। ‘कहानी 2’ में कोलकाता, चंदनपुर और कलिम्पोंग का परिवेश कहानी को ठोस आधार देता है। हालांकि मुख्य किरदार हिंदी ही बोलते हैं, लेकिन माहौल पूरी तरह से बंगाली रहता है। सहयोगी किरदारों और कानों में आती आवाजों और कोलाहल में स्थानीय पुट रहता है। किरदारों के बात-व्यवहार में भी बंगाल की छटा रहती है। फिल्म की थीम के मुताबिक सुजॉय घोष ने फिल्म का रंग उदास और सलेटी रखा है।

अवधि- 130 मिनट

abrahmatmaj@mbi.jagran.com


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.