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    Movie Review: आखिर तक सस्पेंस बचाकर रखती है 'इत्तेफाक' (ढाई स्टार)

    By Hirendra JEdited By:
    Updated: Fri, 03 Nov 2017 02:53 PM (IST)

    अगर आपने बलराज चोपड़ा की फ़िल्म देखी है तो नयापन देखने के लिए यह फ़िल्म देखी जा सकती है! ...और पढ़ें

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    Movie Review: आखिर तक सस्पेंस बचाकर रखती है 'इत्तेफाक' (ढाई स्टार)

    - पराग छापेकर

    मुख्य कलाकार: सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा, अक्षय खन्ना आदि।

    निर्देशक: अभय चोपड़ा

    निर्माता: शाह रुख़ ख़ान, गौरी ख़ान और करण जौहर

    सस्पेंस थ्रिलर का अपना एक अलग ही दर्शक वर्ग होता है और अच्छी सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्म वही होती है, जो आखिर तक सस्पेंस बनाए रखे। जो दर्शकों की समझदारी को लगातार चुनौती देती रहे कि आखिर दोषी कौन है? 1969 में मास्टर फ़िल्ममेकर बी.आर चोपड़ा की फ़िल्म 'इत्तेफाक' का यह रीमेक है। समय के हिसाब से स्क्रिप्ट में थोड़ा बहुत बदलाव किया गया है।

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    कहानी है लेखक विक्रम सेठ (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की और माया (सोनाक्षी सिन्हा) की। एक ही रात दोनों के जीवनसाथी की हत्या हो जाती है और इल्जाम आता है विक्रम सेठ पर जो लंदन से अपनी किताब की लॉन्चिंग के समारोह में इंडिया आया है।  कहानी दो स्तर पर चलती है- पहली सिद्धार्थ यानी विक्रम सेठ के नजरिए से और दूसरी माया यानी साक्षी सिन्हा के नजरिए से! और तीसरा नजरिया है सच का? इन दोनों में से कौन सच कह रहा है, इसी के बीच की जो जद्दोजहद है उसी पर आधारित है फ़िल्म 'इत्तेफाक'।

    निर्देशक अभय चोपड़ा ने अपनी पहली फ़िल्म में एक ठीक सा संसार रच दिया है। हालांकि, उनके पास उनके अपने ही दादा की फ़िल्म लगातार मार्गदर्शन के लिए मौजूद थी। बावजूद इसके उस कहानी में नयापन लाकर दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना एक बड़ी चुनौती थी जिसे निर्देशक ने बखूबी निभाया है।

    सस्पेंस थ्रिलर में स्क्रीनप्ले सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। क्लाइमेक्स को छोड़ दिया जाए तो पूरी फ़िल्म का स्क्रीनप्ले शानदार गढ़ा गया है। कैमरा वर्क और एडिटिंग डिपार्टमेंट ने स्क्रीनप्ले का पूरी तरह से साथ निभाया है।

    अभिनय की अगर बात की जाए तो अक्षय खन्ना बाजी मार ले जाते हैं और उनकी उपस्थिति फ़िल्म को एक अलग लेवल पर ले जाती है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा ने भी किरदारों के साथ न्याय किया है। कुल मिलाकर 'इत्तेफाक' कोई मास्टर फ़िल्म तो नहीं मगर फिर भी देखी जा सकती है। यह फ़िल्म आपको लगातार उलझाए रखेगी! अगर आपने बलराज चोपड़ा की फ़िल्म देखी है तो नयापन देखने के लिए यह फ़िल्म देखी जा सकती है!

    जागरण डॉट कॉम रेटिंग: 5 में से 2.5 (ढाई) स्टार

    अवधि: 1 घंटे 47 मिनट