फिल्म रिव्यू: 'धनक', भाई-बहन की खूबसूरत कहानी (3.5 स्टार)
एक दिन बगैर सोचे-समझे दोनों भाई-बहन शाहरुख खान से मिलने के लिए निकल पड़ते हैं। उनके सफर में डर, एडवेंचर और रोमांच है।
अजय बह्मात्मज
प्रमुख कलाकार-हेतल गड्डा, कृष छााबडि़या
निर्देशक-नागेश कुकुनूर
स्टार- 3.5
नागेश कुकुनूर की ‘धनक’ छोटू और परी भाई-बहन की कहानी है। वे अपने चाचा-चाची के साथ रहते हैं। चाचा बीमार और निकम्मा है। चाची उन्हेंं बिल्कुल पसंद नहीं करती। उनके जीवन में अनेक दिक्कतें हैं। भाई-बहन को फिल्मों का शौक है। उनके अपने पसंदीदा कलाकार भी हैंं। बहन शाहरुख खान की दीवानी है तो भाई सलमान खान को पसंद करता है। अपने हिसाब से वे पसंदीदा स्टारों की तारीफें करते हैं और उनसे उम्मीदें भी पालते हैं। भाई की आंखें चली गई हैं। बहन की कोशिश है कि भाई की आंखों में रोशनी लौटे। पिता के साथ एक फिल्म देखने के दौरान बहन को तमाम फिल्मी पोस्टरों के बीच एक पोस्टर दिखता है। उस पोस्टर में शाहरुख खान ने नेत्रदान की अपील की है। यह पोस्टर ही परी का भरोसा बन जाता है।
फिल्म में आखिरकार बहन परी की तमन्ना पूरी होती है। छोटू की आंखों की रोशनी लौट आती है। बच्चों को मुख्य किरदारों में लेकर बनी यह ‘धनक’ अपने स्वरूप और प्रभाव में ‘चिल्ड्रेन फिल्म’ नहीं रह जाती। उम्मीद और भरोसे की भावना को मजबूत करती यह फिल्म दर्शकों पर जादुई असर करती है। फिल्म की संवेदना झकझोरती है। संवेदनशील बनाती है। यह फिल्म जनमानस में बैठे फिल्म स्टारों के प्रभाव को पॉजीटिव तरीके से पेश करती है। हालांकि फिल्म में कभी भी शाहरुख या सलमान की झलक नहीं मिलती, लेकिन उनकी चर्चा उनकी मौजूदगी का अहसास कराती रहती है। दोनों की चमकदार छवि उभरती है।
‘धनक’ में दोनों बाल कलाकारों हेतल गड्डा और कृष छाबडि़या ने बेहतरीन काम किया है। उनकी बाल सुलभ प्रतिक्रियाएं फिल्म का प्रभाव बढ़ाती है। विपिन शर्मा लाचार चाचा के रूप में अपनी भावमुद्राओं से आकर्षित करते हैं।राजस्थान की पृष्ठभूमि का सुंदर उपयोग हुआ है।
अवधि- 117 मिनट
abrahmatmaj@mbi.jagran.com
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।