कंगना के गौरवान्वित पिता ने कहा, 'अब मुझे बेटी के नाम से जानती है दुनिया'
जिसके पड़ोसी राज्य हरियाणा को शर्मनाक लिंगानुपात के लिए जाना जाता है... जिसके अन्य पड़ोसी राज्यों में भी कन्याओं की दृष्टि से स्थिति ठीक नहीं है... उसी हिमाचल प्रदेश का एक विनम्र पिता गौरवान्वित अनुभव कर रहा है क्योंकि अब दुनिया उसे उसकी बेटी के नाम से जानती है। बात
धर्मशाला, [नवनीत शर्मा]। जिसके पड़ोसी राज्य हरियाणा को शर्मनाक लिंगानुपात के लिए जाना जाता है... जिसके अन्य पड़ोसी राज्यों में भी कन्याओं की दृष्टि से स्थिति ठीक नहीं है... उसी हिमाचल प्रदेश का एक विनम्र पिता गौरवान्वित अनुभव कर रहा है क्योंकि अब दुनिया उसे उसकी बेटी के नाम से जानती है।
बात हो रही है फिल्म 'क्वीन' की नायिका कंगना रनौत की जिन्हें मंगलवार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार देने की घोषणा हुई है। कंगना हिमाचल से ताल्लुक रखने वाली पहली ऐसी अभिनेत्री बन गई हैं जिन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और वह भी दो बार। इससे पहले उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह नायिका के तौर पर मधुर भंडारकर की फिल्म 'फैशन' के लिए इस सम्मान से नवाजा जा चुका है।
मंडी जिले के दूरस्थ क्षेत्र भांवला में जन्मी कंगना के पिता अमरदीप सिंह रनौत खुशी से रुंधे हुए स्वर में बताते हैं, 'एक पिता को और क्या चाहिए। हम लोग शहरों के लोग नहीं... बड़े लोग नहीं... फिर भी मेरी बच्ची की मेहनत ने मुझे भी इस मुकाम पर ला खड़ा कर दिया। आज मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।' क्या आप को पता था कि बेटी यह शिखर छुएगी? इसका हंसते हुए जवाब दिया, 'मैं स्टोन क्रशर चलाता हूं। पत्नी मेरी अध्यापिका हैं लेकिन हम उन अभिभावकों की तरह कभी नहीं रहे कि बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर ही बनें। बच्चों की जो अभिरुचि हो, उन्हें वो करने दिया जाए। न टोका जाए न रोका जाए। बेटियों को तो और खासतौर पर मौके मिलने चाहिए। मेरी बेटी छोटे से कस्बे से निकल कर मुंबई के समंदर में कूदी और खूब तैर कर मोती लेकर आई, यह मेरे लिए संतोष की बात है। बेटा अक्षित कमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण पूरा करने वाला है और बड़ी बेटी रंगोली माइक्रोबायोलॉजिस्ट है लेकिन अब कंगना के साथ है, उसके काम देखती है।'
'क्वीन' में क्या चीज बहुत अच्छी लगी थी? जवाब सुनिए, 'मैंने और मेरी पत्नी ने हमीरपुर में यह फिल्म देखी थी। जब वो कहती है न...ये लो अपनी अंगूठी... हम बेटियां अपनी राह बना लेंगी...तो बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा जैसे शाबाश... यही संदेश होना चाहिए। और यही संदेश मेरा हिमाचल के खासतौर पर बेटियों के अभिभावकों के लिए है।'
मुंबई में कितना हिमाचल
हिमाचल प्रदेश से इससे पहले राष्ट्रीय पुरस्कार अनुपम खेर को फिल्म 'डैडी' में अभिनय के लिए और 'मैंने गांधी को नहीं मारा' फिल्म के लिए मिला है। मोना सिंह उर्फ कल्पना कार्तिक (देवानंद की पत्नी) और प्रिटी जिंटा भी हिमाचल से ताल्लुक रखती हैं। मनोहर सिंह का भी अपना स्थान रहा है। निर्माता निर्देशकों में चिंतपूर्णी से बाबू राम इशारा और पालमपुर से 'दादा' और 'लाल बंगला' फेम जुगल किशोर के नाम भी प्रमुख हैं। गायकी में मोहित चौहान फिल्म फेयर अवार्ड पा चुके हैं।
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