Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'पद्मावती देखकर भंसाली को गले लगा लेंगे राजपूत', बोलीं राजस्थान की ये रानी

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Wed, 29 Nov 2017 07:00 AM (IST)

    कुंवर रणजय सिंह की धर्मपत्नी अर्चना सिंह कहती हैं कि वो कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने से पहले फ़िल्म देखना चाहेंगी और हर किसी को असहनशील होने के बजाए ऐसा ही करना चाहिए।

    'पद्मावती देखकर भंसाली को गले लगा लेंगे राजपूत', बोलीं राजस्थान की ये रानी

    मुंबई। संजय लीला भंसाली के लिए एक राहत भरी ख़बर है। 'पद्मावती' का जहां राजस्थान के तमाम राजघराने और श्री राजपूत करणी सेना ज़बर्दस्त विरोध कर रहे हैं, वहीं राजस्थान की एक रॉयल फ़ैमिली उनके हक़ में खड़ी दिख रही है। राजस्थान के बदनोर की कुंवरानी अर्चना सिंह ने प्रदर्शनों की आलोचना करते हुए इस तमाशे पर रोक लगाने की बात कही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कुंवर रणजय सिंह की धर्मपत्नी अर्चना सिंह कहती हैं कि वो कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने से पहले फ़िल्म देखना चाहेंगी और हर किसी को असहनशील होने के बजाए ऐसा ही करना चाहिए। कुंवरानी अर्चना सिंह आगे कहती हैं, ''मुझे लगता है कि पद्मावती मामले को पूरी तरह पेचीदा बना दिया गया है। मैं एक ऐसे लड़के को जानती हूं, जिसने भंसाली प्रोडक्शन के साथ इस फ़िल्म पर काम किया है, उसका कहना है कि फ़िल्म में एक भी ऐसा सीन नहीं है, जिसमें कोई दिक्कत हो और वो ख़ुद भी एक राजपूत है। उसका तो ये भी कहना है कि फ़िल्म देखने के बाद राजपूत भंसाली को गले लगा लेंगे।'' 

    यह भी पढ़ें: पद्मावती विवाद- भंसाली के समर्थन में फ़िल्म इंडस्ट्री करेगी 15 मिनट का ब्लैक आउट

    आपको बताते चलें कि करणी सेना और राजपूत समुदाय 'पद्मावती' पर बैन की मांग लगातार कर रहे हैं। कुछ सींस को लेकर उन्हें आपत्ति है। राजपूत समुदाय के प्रतिनिधियों को लगता है कि उन दृश्यों की वजह से रानी पद्मावती की तौहीन हो जाएगी। ग़ौरतलब है कि कुछ दिन पहले भंसाली ने कुछ मीडिया पर्संस को भी फ़िल्म दिखायी थी, जिसके बाद उन्होंने फ़िल्म के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

    अर्चना सिंह आगे कहती हैं, ''ये हास्यास्पद है। मैं ख़ुद राजपूत हूं, लेकिन बहुत सारे राजपूत हिंसक गतिविधियों के समर्थन में आ गये हैं। ये सही नहीं है। फ़िल्म देखिए और फ़ैसला कीजिए। लोग फ़िल्म तक देखना नहीं चाहते। हमें ये बेवकूफ़ी रोकनी होगी। सहनशील बनिए, इसे देखिए, इस पर यक़ीन कीजिए और फिर कार्रवाई कीजिए, लेकिन प्रतिक्रिया मत दीजिए। आप हर समय रिएक्ट करते रहते हैं। हम लोग पूरी तरह से असहनशील हो गये हैं।''

    यह भी पढ़ें: पद्मावती पर रानी मुखर्जी ने किया संजय लीला भंसाली का समर्थन

    अर्चना सिंह मानती हैं कि इस पूरे मसले को ज़रूरत से ज़्यादा फैला दिया गया है। जानकारों का एक धड़ा ये भी कह रहा है कि रानी पद्मावती एक काल्पनिक किरदार है, जिसकी खिलजी के शासनकाल के कालखंड से कोई लेना-देना नहीं है, मगर अर्चना सिंह इसे सही नहीं मानतीं। वो कहती हैं, ''शुरुआत में शायद प्रचार के लिए ड्रीम सीक्वेंस में पद्मावती और खिलजी के स्क्रीन स्पेस शेयर करने की बात आयी थी, जिसने हर किसी को उत्तेजित कर दिया। ये पूरी तरह ग़लत है और फ़िल्म में कहीं नहीं है। मैं मेवाड़ से ताल्लुक रखती हूं, इसलिए जानती हूं, वो मेवाड़ में चित्तौड़ की राजकुमारी थीं। इसलिए उनका अस्तित्व था और जौहर भी हुआ, लेकिन खिलजी के साथ रोमांस की बात पूरी तरह काल्पनिक है।'' 

    यह भी पढ़ें: नाहरगढ़ क़िले की प्राचीर से लटके मिले शव से सकते में बॉलीवुड

     

    अर्चना भंसाली को कुछ सलाह भी देना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ''मैं मानती हूं कि भंसाली बेहद समझदार फ़िल्ममेकर हैं और मैंने उनकी हर फ़िल्म देखी है। जिस तरह से वो दृश्यों में बारीक़ियों पर ध्यान देते हैं वो शानदार है। बस उनके एक बात कहना चाहूंगी कि अगर वो सिनेमाई छूट लेना चाहते हैं तो ऐतिहासिक नामों का इस्तेमाल ना करें, इसे पूरी तरह काल्पनिक रखें।''