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साल के आखिर बॉक्‍स ऑफिस को 'पीके' ने किया गुलजार

साल खत्म होने में अभी एक हफ्ता बाकी है। कल अनुराग कश्यप की फिल्म 'अग्ली' रिलीज होगी। पिछले हफ्ते राजकुमार हिरानी की 'पीके' रिलीज हुई। इस फिल्म ने आशा के अनुरूप कलेक्शन किया। हालांकि पहले दिन 26 करोड़ से कुछ अधिक के कलेक्शन से ऐसा लगा था कि दर्शकों ने

By Monika SharmaEdited By: Published: Thu, 25 Dec 2014 08:17 AM (IST)Updated: Thu, 25 Dec 2014 08:37 AM (IST)

मुंबई, अजय ब्रह्मात्मज। साल खत्म होने में अभी एक हफ्ता बाकी है। कल अनुराग कश्यप की फिल्म 'अग्ली' रिलीज होगी। पिछले हफ्ते राजकुमार हिरानी की 'पीके' रिलीज हुई। इस फिल्म ने आशा के अनुरूप कलेक्शन किया। हालांकि पहले दिन 26 करोड़ से कुछ अधिक के कलेक्शन से ऐसा लगा था कि दर्शकों ने फिल्म को पूरी तरह पसंद नहीं किया। टिकटों की ऊंची दर का मामला भी सामने आया। फिर भी 'पीके' ने शनिवार और रविवार को कामयाब फिल्मों की बढ़त दिखाई। शनिवार को फिल्म का कलेक्शन बढ़ कर 30 के लगभग हो गया और रविवार को तो 'पीके' ने 38 करोड़ का आंकड़ा छू लिया। फिल्मों के कलेक्शन में वीकेंड के तीन दिनों में ऐसी बढ़त दिखे तो माना जाता है कि वह फिल्म हिट होगी। ट्रेड पंडित कह रहे हैं कि 'पीके' हिट फिल्म है। अब देखना यह है कि वह कितनी बड़ी हिट होती है।

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2014 बॉक्स आफिस के हिसाब से बहुत संतोषजनक नहीं रहा है। 2012 की 24 और 2013 की 25 की तुलना में 2014 में केवल 19 फिल्में ही कामयाब फिल्मों की श्रेणी में आ सकीं। इस साल केवल 9 फिल्में ही 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकीं। बड़ी फिल्मों की असफलता ने ट्रेड को निराश किया। सफल फिल्मों ने भी उम्मीद के मुताबिक कारोबार नहीं किया। माना जा रहा था कि 'पीके' तीसरे दिन तो अवश्य ही 100 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लेगी लेकिन उसे भी चार दिन लग ही गए। हिंदी फिल्मों के सकल कारोबार में अपेक्षित बढ़त नहीं दिख रही है। ट्रेड पंडितों के मुताबिक बढ़त का प्रतिशत घट गया है। बहस चल रही है कि अगर फिल्म की लागत कम की जाए तो मुनाफे का प्रतिशत बढ़ सकता है। फिलहाल बड़े स्टारों को पारिश्रमिक के रूप में दी जाने वाली ऊंची रकम से नफा-नुकसान का संतुलन बिगड़ रहा है।

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ट्रेड पंडितों के मुताबिक पैकेजिंग और प्रचार का खर्च बढऩे से भी मुनाफे का अनुपात कम हुआ है। फिल्मों के कंटेंट पर सही ध्यान न देने से वीकेंड के बाद के दर्शक सिनेमाघरों में नहीं जाते हैं। देश में अभी तक वही फिल्में ज्यादा बड़ी सफल होती हैं,जिन्हें फैमिली दर्शक मिल पाते हैं। इस साल अच्छी बात यह रही कि युवा स्टारों ने सफलता की छलांग लगाई और वे पॉपुलर स्टारों की कतार में आ गए।

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