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    'पीके' को लेकर सेंसर बोर्ड के सदस्‍य का बड़ा खुलासा

    आमिर खान की फिल्‍म पीके पर चल रहे जबरदस्‍त विवाद के बीच सेंसर बोर्ड के सदस्‍य सतीश कल्‍याणकर ने बड़ा खुलासा किया है। कल्‍याणकर ने दावा किया कि पीके के पास होने से पहले उन्‍होंने हिंदुओं की भावनाओं पर प्रहार करने वाले सीन्‍स को हटाने के लिए कहा था, लेकिन

    By rohit guptaEdited By: Updated: Tue, 06 Jan 2015 10:23 AM (IST)

    जबलपुर। आमिर खान की फिल्म पीके पर चल रहे जबरदस्त विवाद के बीच सेंसर बोर्ड के सदस्य सतीश कल्याणकर ने बड़ा खुलासा किया है। कल्याणकर ने दावा किया कि पीके के पास होने से पहले उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं पर प्रहार करने वाले सीन्स को हटाने के लिए कहा था, लेकिन सेंसर बोर्ड के तत्कालीन सीईओ राकेश कुमार ने उनकी बात नहीं सुनी।

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    ज्योतिषबद्रिकाश्रम पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि 'पीके' में कई ऐसे दृश्य हैं, जिनसे हिंदू धर्म का अपमान हो रहा है। कुछ अश्लील दृश्य भी हैं, लेकिन सेंसर बोर्ड ने फिल्म को 'ए' के बजाय 'यूए' ग्रेड का सर्टिफिकेट दिया है। निर्माता ने फिल्म पास कराने के लिए बोर्ड सदस्यों से सौदा किया है। इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

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    परमहंसी आश्रम, झोतेश्वर में में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में शंकराचार्य ने कहा कि सेंसर बोर्ड के सदस्य सतीश कल्याणकर ने यह फिल्म पास होने से पहले हिंदुओं की भावनाओं पर प्रहार करने वाले दृश्य हटाने को कहा था। सेंसर बोर्ड के सीईओ राकेश कुमार ने वह दृश्य नहीं हटाया और सतीश कल्याणकर का नाम बोर्ड सदस्य सूची से हटा दिया। इसलिए 'पीके' पर तुरंत रोक लगाकर इसे पुर्नरीक्षण कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। स्वरूपानंद ने कहा कि कुछ प्रदेशों ने 'पीके' को टैक्स फ्री कर दिया है। इससे प्रदेश सरकारों पर कर्ज का बोझ ही बढ़ेगा। इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं जिससे बच्चों को कोई सीख मिले।

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