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    'पीरियड्स' पर परिणीति ने रखी अपनी बेबाक राय, झेल चुकी हैं पाबंदियां

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Wed, 20 Jan 2016 07:45 AM (IST)

    वैसे तो समय के साथ भारतीय समाज की सोच में कई सकारात्‍मक बदलाव आए हैं, मगर अब भी ऐसे सामाजिक मुद्दे हैं जिन पर लोग खुलकर बात करने से भी हिचकते हैं। एेसा ही एक मुद्दा महिलाआें के पीरियड्स से जुड़ा है।

    नई दिल्ली। वैसे तो समय के साथ भारतीय समाज की सोच में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, मगर अब भी ऐसे सामाजिक मुद्दे हैं जिन पर लोग खुलकर बात करने से भी हिचकते हैं। एेसा ही एक मुद्दा महिलाआें के पीरियड्स से जुड़ा है, जिसके नाम पर सालों से उन पर तमाम तरह की पाबंदियां लगती आ रही हैं। हालांकि शहरी समाज में स्थिति बेहतर हुई है, मगर ग्रामीण समाज की महिलाओं के लिए यह जस की तस बनी हुई है। हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा ने एक इवेंट में पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर लगाई जाने वाली पाबंदियों पर खुलकर चर्चा की।

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    परिणिती किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं। चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह से ऐसी दकियानूसी चीजें हमारे समाज में अब भी मौजूद हैं और जिन्हें जड़ से उखाड़ फेंकने की जरूरत है। परिणीति ने ये भी बताया कि वो एक छोटे शहर से ताल्लुक रखती हैं, जहां इस तरह की कई वर्जनाएं हैं। पीरियड्स के दौरान लगाई जाने वाली पाबंदियों को वो खुद भी झेल चुकी हैं। परिणीति की दादी उन्हें निर्देश देती थीं कि ऐसे वक्त में उन्हें क्या नहीं करना चाहिए। जैसे इस दौरान उन्हें न तो अचार छूने की इजाजत थी और ना ही उन्हें मंदिर या किचन में जाने दिया जाता था। यहां तक कि सिर धोने से भी मना किया जाता था।

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    परिणीति ने कहा, 'मुझे हमेशा लगता था कि मैं कुछ गलत नहीं कर रही हूं, मुझे ये सब करने से मत रोको।' परिणीति के मुताबिक, अब हम एक शिक्षित देश में रहते हैं। हम लोग कितने आगे बढ़ चुके हैं, मगर इस तरह की चीजों में अब भी वास्तव में काफी पिछड़े हुए हैं। इस तरह की चीजें अब नहीं होनी चाहिए। यह 2016 है और यह अजीब है कि हम इस टॉपिक पर बात कर रहे हैं।' परिणीति ने कहा, 'हम सारी दुनिया की बातें करना चाहते हैं, मगर पीरियड्स पर नहीं बोलना चाहते। इस मुद्दे से जुड़े टैबू को तोड़ने का यह सही समय है।' गौरतलब है कि हाल में पीरियड्स पर कुछ साेशल मीडिया कैंपेन शुरू किए गए हैं। इस दिशा में परिणीति ने भी एक सराहनीय प्रयास किया है।