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पद्मावती को लेकर सियासत हुई तेज़, बीजेपी कर रही बैन की मांग

फ़िल्म को लेकर जिस तरह राजस्थान का राजपूत संगठन श्री राजपूत करणी सेना बग़ावती तेवर अपनाए हुए है, उसको देखते हुए पद्मावती के मेकर्स का चिंतित होना स्वाभाविक है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 20 Oct 2017 04:50 PM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 11:33 AM (IST)
पद्मावती को लेकर सियासत हुई तेज़, बीजेपी कर रही बैन की मांग
पद्मावती को लेकर सियासत हुई तेज़, बीजेपी कर रही बैन की मांग

मुंबई। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'पद्मावती' की रिलीज़ जैसे-जैसे क़रीब आ रही है, इसको लेकर विवाद बढ़ रहा है। अब सुनने में आ रहा है कि गुजरात में चुनाव के मद्देनज़र बीजेपी फ़िल्म पर बैन लगाने की मांग कर रही है। फ़िल्म को लेकर विवादों की चिंगारी ऐसी सुलगी है कि आगे का रास्ता मुश्किल दिख रहा है।

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कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने 'पद्मावती' पर बन रही रंगोली को मिटाकर हंगामा किया तो पर्दे की महारानी पद्मावती यानि दीपिका पादुकोण को अपने तेवर तल्ख़ करने पड़े। उनका पारा चढ़ने का सिला ये मिला कि हंगामा करने वाले लोगों को गिरफ़्तार किया गया। बहरहाल, फ़िल्म को लेकर जिस तरह राजस्थान का राजपूत संगठन श्री राजपूत करणी सेना बग़ावती तेवर अपनाए हुए है, उसको देखते हुए पद्मावती के मेकर्स का चिंतित होना स्वाभाविक है। करणी सेना ने फ़िल्म का विरोध इसके एलान के वक़्त से ही शुरू कर दिया था।

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दिलचस्प ये भी है कि सारा बखेड़ा सिर्फ़ क़यासों की वजह से हो रहा है। क़यास कि फ़िल्म में रानी पद्मावती और सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की प्रेम कहानी दिखायी जाएगी। कयास ये कि ड्रीम सीक्वेंस में खिलजी और पद्मावती पर प्रेमालाप के सीन होंगे। ये क़यास इल्ज़ाम में बदले और जयपुर में लगे फ़िल्म के सेट पर हंगामा हो गया। भंसाली इसकी चपेट में आये। उनके साथ हाथापाई हुई।

सेट महाराष्ट्र में शिफ़्ट हो गया, हंगामे भी राज्यों की सरहदें पार करके पीछे-पीछे चले आये। वैसे पिछले कुछ सालों में संजय लीला भंसाली की फ़िल्मों के साथ ये हंगामे चिपक से गये हैं।

बाजीराव मस्तानी विवाद

उनकी पिछली फ़िल्म बाजीराव मस्तानी, मराठा योद्धा पेशवा बाजीराव और मस्तानी की लव स्टोरी थी। इस फ़िल्म के गाने पिंगा को लेकर सबसे पहले विवाद हुआ। कुछ लोगों ने इसे मराठी संस्कृति के ख़िलाफ़ बताते हुए अदालत की शरण ली। आपत्ति थी कि काशीबाई के किरदार को मस्तानी के साथ पर्दे पर नाचते हुए कैसे दिखाया जा सकता था, जबकि वो तो आर्थराइटिस से पीड़ित था और ज़्यादातर समय बिस्तर पर ही पड़ा रहा था।

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उनको अस्थमा भी था। कुछ और दृश्यों पर लोगों ने आपत्ति ज़ाहिर की थी। बाजीराव के वंशजों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई थी कि काशीबाई को मस्तानी से इतनी बार कैसे मिलते हुए दिखा दिया गया, जबकि असलियत में एक बार ही उससे मिली थीं। हालांकि तमाम विरोधों के बावजूद फ़िल्म रिलीज़ हुई और हिट रही।

गोलियों की रासलीला- राम लीला विवाद

भंसाली ने गोलियों की रासलीला रामलीला में गुजराती संस्कृति की झलक दिखायी। इस फ़िल्म को लेकर पहला विवाद तो इसके टाइटल पर हुआ। पहले टाइटल सिर्फ़ राम लीला था, जबकि गोलियों की रासलीला टैगलाइन थी। जब विवाद बढ़ा तो फ़िल्म का टाइटल गोलियों की रासलीला राम लीला कर दिया गया।

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उत्तर प्रदेश की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलीला समिति ने फ़िल्म से आपत्तिजनक डायलॉग हटाने की मांग की थी। हालांकि तमाम विवादों के बाद ये फ़िल्म रिलीज़ हुई और सफल रही। इत्तेफ़ाक़ देखिए, तीनों ही फ़िल्मों में भंसाली के साथ दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह रहे हैं। 


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