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    Nirbhaya Case Justice: ऋषि कपूर ने कहा- 'शर्म आनी चाहिए उन्हें, जिनकी वजह से न्याय में देरी हुई'

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Fri, 20 Mar 2020 08:44 PM (IST)

    Nirbhaya Case Justice प्रीति ने लिखा कि आख़िर यह ख़त्म हुआ। थोड़ी देर हुई लेकिन ठीक है इंसाफ़ तो हुआ। निर्भया के माता-पिता को अब थोड़ा चैन मिलेगा।

    Nirbhaya Case Justice: ऋषि कपूर ने कहा- 'शर्म आनी चाहिए उन्हें, जिनकी वजह से न्याय में देरी हुई'

    नई दिल्ली, जेएनएन। निर्भया केस के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गयी। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिये जाएंगे। लगभग सात साल बाद आख़िरकार निर्भया के गुनहगारों को उनके किये की सज़ा मिली है। दोषियों को फांसी दिये जाने पर मनोरंजन जगत से भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सभी ने कहा कि आख़िर इंसाफ़ हुआ और माता-पिता को अब चैन मिलेगा।

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    वेटरन एक्टर ऋषि कपूर ने ट्वीट करके लिखा- ''निर्भया को इंसाफ़। जैसी करनी वैसी भरनी। इसे भारत ही नहीं दुनियाभर में एक मिसाल बनने दीजिए। दुष्कर्म की सज़ा मौत होनी चाहिए। आपको नारीत्व का सम्मान करना होगा। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए, जिनकी वजह से फांसी में देरी हुई। जय हिंद।''

    आपको याद होगा 90 के दौर में ऋषि कपूर की एक फ़िल्म दामिनी आयी थी, जिसकी कहानी भी दुष्कर्म के विषय पर आधारित थी। फ़िल्म में मीनक्षी शेषाद्रि के किरदार का नाम दामिनी होता है, जो ऋषि कपूर के किरदार की पत्नी होती है। दामिनी दुष्कर्म की शिकार महिला को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती है, जिसमें उसे सनी देओल का साथ मिलता है।

    ऋषि कपूर के साथ चश्मे-बद्दूर और मुल्क में काम कर चुकीं तापसी पन्नू ने लिखा- ''आख़िर हो गया। मुझे उम्मीद है कि सालों बाद माता-पिता को कुछ अच्छी नींद आएगी। उनके लिए यह एक लम्बी लड़ाई रही है।''

    प्रीति ज़िटा ने दोषियों की फांसी पर कहा- ''अगर निर्भया केस के दोषियों को 2012 में ही फांसी मिल जाती तो महिलाओं पर होने वाले अपराध कम हो सकते थे। क़ानून का डर अपराधियों को काबू में रखेगा। सावधानी इलाज से हमेशा बेहतर होती है। यही वक़्त है कि भारत सरकार ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स पर ध्यान दे।'' एक और ट्वीट में प्रीति ने लिखा कि आख़िर यह ख़त्म हुआ। थोड़ी देर हुई, लेकिन ठीक है, इंसाफ़ तो हुआ। निर्भया के माता-पिता को अब थोड़ा चैन मिलेगा।

    सुष्मिता सेन ने लिखा, आख़िरकार न्याय हुआ। वहीं रितेश देशमुख ने कहा- मेरे संवेदना निर्भया के माता-पिता और शुभचिंतकों के साथ हैं। इंतज़ार लम्बा रहा, पर आख़िरकार न्याय मिला।

    बता दें कि 2012 के दिसम्बर महीने में दिल्ली में एक पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। कुछ दिन बाद पीड़िता की मौत हो गयी थी। इस जघन्य कांड ने दूरे देश को हिला दिया था।