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    फिल्म Lipstick Under My Burkha को लेकर इस डायरेक्टर ने सीबीएफ़सी चीफ पर साधा निशाना

    By Rahul soniEdited By:
    Updated: Fri, 24 Feb 2017 10:01 PM (IST)

    सीबीएफ़सी के चीफ़ पहलाज निहलानी ने मेकर्स को फ़िल्म सर्टिफिकेशन एपेलेट ट्रिब्यूनल को भेजने की सलाह दी है।

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    फिल्म Lipstick Under My Burkha को लेकर इस डायरेक्टर ने सीबीएफ़सी चीफ पर साधा निशाना

     मुंबई। Lipstick Under My Burkha को फिल्म सेंसर बोर्ड अॉफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफ़सी) ने सर्टिफिकेट दिया है। इसको लेकर छिड़े विवाद ने नया रूप ले लिया है। ट्विटर पर इसको लेकर आवाजें उठ रही हैं।

    फिल्म Lipstick Under My Burkha कुछ महिलाओं की ज़िंदगी को दर्शाती है, जो अपनी बेड़ियों और रूढ़ियों को तोड़कर ज़िंदगी के कुछ लम्हे अपने लिए जीना चाहती हैं। लेकिन फिल्म का टाइटल सीबीएफ़सी को अॉफे़ंसिव लगा और सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया गया। सर्टिफिकेट न मिलने के बजह से हाल ही में फेमस डायरेक्टर कबीर ख़ान ने ट्विट किया है कि, 'कब गवर्नमेंट को यह रियलाइज होगा कि उन्होंने एक बफून को सीबीएफ़सी का चीफ बनाया है'। वहीं फिल्म के प्रोड्यूसर प्रकाश झा का स्टेटमेंट है कि, देश में फ्रीडम अॉफ एक्सप्रेशन को एंकरेज किया जाना चाहिए। सीबीएफ़सी जिस प्रकार फिल्मों को सर्टिफिकेट देने से मना कर रही है उससे फिल्ममेकर्स हत्तोतसाहित होंगे। फिल्म को चाहिए कि वो सोसायटी के सिच्वेशन को चैलेंज करे। यही Lipstick Under My Burkha करेगी। मुझे भरोसा है कि इंडिया के अॉडियंस ये फिल्म देखना डिसर्व करती है। 

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    आपको बता दें कि, प्रकाश झा के बैनर तले बनी 'लिपस्टिक अंडर माई बुरका' को अलंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया है। जनवरी में फ़िल्म की स्क्रीनिंग सीबीएफ़सी यानि सेंसर बोर्ड के लिए रखी गई थी। स्क्रीनिंग के बाद बोर्ड ने प्रकाश झा प्रोडक्शंस को बताया कि इस फ़िल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता और इसके पीछे कुछ वजह बताई हैं। बोर्ड द्वारा भेजे गए लेटर के मुताबिक़, फ़िल्म की कहानी महिला प्रधान है और इसमें ऐसे दृश्य हैं, जो फेंटेसी में लिपटे हैं और जिनमें सेक्स, गाली-गलौज और ऑडियो पॉर्नोग्राफी शामिल है। ये दृश्य समाज के एक तबके लिए काफी संवेदनशील हैं। 

    सेंसर बोर्ड नहीं चाहता आप Lipstick Under My Burkha देखें, आख़िर ऐसा क्या है फ़िल्म में

    सेेंसर बोर्ड के रवैए से हैरान मेकर्स ने सेंसर बोर्ड के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने का फ़ैसला किया है और फ़िल्म के ट्वीटर हैंडल से बोर्ड का लेटर सोशल मीडिया में शेयर किया है। उधर, सीबीएफ़सी के चीफ़ पहलाज निहलानी ने मेकर्स को फ़िल्म सर्टिफिकेशन एपेलेट ट्रिब्यूनल को भेजने की सलाह दी है, क्योंकि इसे एग्ज़ामिनिंग कमेटी और रिवाइज़िंग कमेटी ने भी सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया है।