कबीर खान ने कहा, किसी की जागीर नहीं हैं हनुमान
कमाई के मामले में रोज नया इतिहास रच रही सलमान खान स्टारर 'बजरंगी भाईजान' के निर्देशक कबीर खान का कहना है कि हनुमान किसी एक कम्युनिटी की जागीर नहीं हैं। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कबीर खान ने कहा है कि दक्षिणपंथी यह दावा कैसे कर सकते हैं
मुंबई। कमाई के मामले में रोज नया इतिहास रच रही सलमान खान स्टारर 'बजरंगी भाईजान' के निर्देशक कबीर खान का कहना है कि हनुमान किसी एक कम्युनिटी की जागीर नहीं हैं। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कबीर खान ने कहा है कि दक्षिणपंथी यह दावा कैसे कर सकते हैं कि बजरंगबली सिर्फ उनके हैं? वे सभी के हैं।
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कबीर खान का मानना है कि अगर देश के सेक्युलर ताने-बाने को नुकसान पहुंचा तो कोई भी चीज देशवासियों को जोड़कर नहीं रख सकती। कबीर खान ने कहा है, 'स्कूल के दिनों में मैंने भी एक नाटक में हनुमान का किरदार निभाया था। अब तो लोगों की सहनशक्ति जिस तरह से कम होती जा रही है, उसे देख मुझे दिक्कत होती है। मुसलमान 'जय श्रीराम' क्यों नहीं बोल सकता? या एक हिंदू 'अस्सलाम अलैकुम' क्यों नहीं बोल सकता? मैं अगर 'जय श्रीराम' बोलता हूं तो क्या मैं मुसलमान नहीं हूं?'
फिल्म के नाम 'बजरंगी भाईजान' को लेकर उन्हें विश्व हिंदू परिषद् की ओर से कई पत्र कबीर खान को मिले। इनमें कहा गया कि वे फिल्म का यह नाम सहन नहीं करेंगे। कबीर ने इस बारे में कहा, 'मैंने उन्हें बताया कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां आप यह नाम रख सकते हैं। मैंने फिल्म के इस नाम के लिए लड़ाई लड़ी। मुझे पता है कि बजरंगी के साथ कुछ दूसरी छवि भी जुड़ी है। यह नाम लेते ही पहली बार 'बाबू बजरंगी' की तस्वीर जेहन में आती है और यह सबसे नकारात्मक बात है। मैं चाहता था कि 'बजरंगी' को उसी रूप में दिखाया जाए जैसे वे हैं। मैं सिर्फ दक्षिणपंथी लोगों को भगवान हनुमान पर हक जमाने नहीं देने वाला। हनुमान सिर्फ एक समुदाय से संबंध नहीं रखते। हनुमान हमारे चरित्र के प्रतीक हैं। जिस तरीके से जनता ने फिल्म को सराहा है, यह साबित हो गया है कि हनुमान पूरे भारत के हैं।'