'ऐ दिल है मुश्किल' की मुश्किलें दूर करने मनसे नेताओं से मिलने पहुंचा 'इम्पा'
'ऐ दिल है मुश्किल' इसी महीने दिवाली के मौके पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म का प्रमोशन काफी पहले ही शुरू हो गया था। ऐसे में अगर फिल्म रिलीज नहीं होती है, तो प्रोड्यूसर को करोड़ों रुपये का नुकसान होना तय है।
नई दिल्ली (मिड-डे)। फिल्म निर्माताओं की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन (इम्पा) ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारतीय फिल्मों में काम करने पर प्रतिबंध जरूर लगा दिया हो, लेकिन इसके बावजूद करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' और शाहरुख खान की 'रईस' की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। इन मुश्किलों का दूर करने के लिए गुरुवार को इम्पा के अधिकारी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं से मिलने पहुंचे।
इम्पा ने एमएनएस से इन फिल्मों के रिलीज के विरोध के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। लेकिन राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अपने रुख पर कायम रही। इन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने के विरोध में एमएनएस ने महाराष्ट्र में इन्हें रिलीज नहीं होने देने का फैसला किया है। इंडियन मोशन इम्पा के अधिकारियों ने इस मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मचारी सेना की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे के साथ बैठक की।
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इम्पा के अध्यक्ष टीपी अग्रवाल ने कहा कि इन फिल्मों पर भारतीय निर्माताओं ने पैसे लगाए हैं। अगर फिल्म रिलीज नहीं होगी तो उन्हें नुकसान होगा। जबकि शालिनी ने कहा कि हम लोगों की इच्छा के तहत ऐसा कर रहे हैं। हम लोगों की इच्छा के खिलाफ नहीं जाएंगे। अग्रवाल ने कहा कि हम उनसे फिर मिलेंगे और मामले के हल का प्रयास करेंगे।
बता दें कि 'ऐ दिल है मुश्किल' इसी महीने दिवाली के मौके पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म का प्रमोशन काफी पहले ही शुरू हो गया था। ऐसे में अगर फिल्म रिलीज नहीं होती है, तो प्रोड्यूसर को करोड़ों रुपये का नुकसान होना तय है। इस फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान ने एक छोटा-सा किरदार निभाया है। मनसे का कहना है कि पहले फवाद के किरदार को फिल्म से हटाया जाए, तभी महाराष्ट्र में फिल्म को रिलीज होने दिया जाएगा।
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