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केबीसी में दिखाया भ्रूण हत्या का बोर्ड, झज्जर से चंडीगढ़ तक हड़कंप

मदानाकलां के ऋषि प्रकाश ने कौन बनेगा करोड़पति में जाकर झज्जर जिले के लोगों को खुश होने का मौका दे दिया, लेकिन केबीसी की गांव पर रिपोर्ट ने सबको हिला दिया है। सबसे ज्यादा सांसत में स्वास्थ्य विभाग है। चंडीगढ़ से लेकर सीएमओ तक केवल यही बात मुद्दा बनी हुई है कि मदाना गांव में दर्शाए गए किस बो

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 08:41 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 09:49 AM (IST)
केबीसी में दिखाया भ्रूण हत्या का बोर्ड, झज्जर से चंडीगढ़ तक हड़कंप

झज्जर [शैलेंद्र गौतम/अमित पोपली]। मदानाकलां के ऋषि प्रकाश ने कौन बनेगा करोड़पति में जाकर झज्जर जिले के लोगों को खुश होने का मौका दे दिया, लेकिन केबीसी की गांव पर रिपोर्ट ने सबको हिला दिया है। सबसे ज्यादा सांसत में स्वास्थ्य विभाग है। चंडीगढ़ से लेकर सीएमओ तक केवल यही बात मुद्दा बनी हुई है कि मदाना गांव में दर्शाए गए किस बोर्ड में पांच सौ रुपये में गर्भपात कराने व पांच लाख का दहेज बचाने की बात कही गई है। पूरा विभाग इस बोर्ड को खोज रहा है। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने सिविल सर्जन से जवाब तलब किया है। बोर्ड की सच्चाई का पता लगाकर उन्हें बताई जाए।

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उल्लेखनीय है कि केबीसी के शुरू में ऋषि प्रकाश के हवाले से गांव की जो तस्वीर दिखाई गई उसमें मदाना गांव के बारे में काफी कुछ बताया गया। लिंग अनुपात को लेकर तो टिप्पणी की ही गई थी, केबीसी के कैमरों ने एक बोर्ड को निशाना बनाया था। यह बोर्ड गांव में ही लगा दर्शाया गया है। इसका सार था कि लड़की का जन्म हुआ तो पांच लाख रुपये दहेज में देने पड़ेंगे, इससे बेहतर है कि पांच सौ रुपये देकर गर्भपात करा लें।

केबीसी में बोर्ड देखने के बाद चंडीगढ़ से लेकर झज्जर तक हलचल मच गई। सीएमओ को सख्त हिदायत दी गई कि तत्काल इस बोर्ड की सच्चाई का पता लगाया जाए। सिविल सर्जन कार्यालय से विशेष टीम तत्काल घटनास्थल की तरफ रवाना कर दी गई। टीम ने गांव में जाकर मुआयना किया और लोगों से भी पूछा लेकिन अब तक यह पता नहीं लग सका कि बोर्ड गांव में था भी या नहीं। दैनिक जागरण की टीम ने गांव में जाकर पड़ताल की तो बोर्ड कहीं पर दिखाई नहीं दिया।

कुछ लोगों से पूछा गया तो उनका कहना था कि ऐसा बोर्ड कभी उनकी निगाहों में नहीं आया। उधर, सिविल सर्जन दफ्तर की परेशानी यह है कि मुख्यालय को रिपोर्ट भेजनी है। बोर्ड न मिलने पर पता लगाने की कोशिश की गई कि बोर्ड के नीचे पेंटर का नाम है या नहीं। अमूमन पेंटर नीचे अपना नाम जरूर लिखता है। लेकिन वह भी नहीं मिला।

डॉ. राजकिरण का कहना है कि बोर्ड किसी और जगह पर लगाकर फोटो कराए गए लगते हैं। उनका कहना है कि गांव का लिंग अनुपात 882 मिला है जबकि केबीसी में 378 दिखाया गया था। डिप्टी सीएमओ डॉ. अशोक शर्मा का कहना है कि बोर्ड के बारे में कुछ पता नहीं लग सका है। फिलहाल सभी गांव में तैनात आशा वर्करों को हिदायत दी गई है कि ऐसा कोई बोर्ड दिखाई देता है तो तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय को बताया जाए।

यदि मामले में बोर्ड लगाने की बात झूठी हुई तो केबीसी का प्रसारण करने वाले चैनल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शो को नोटिस देने की तैयारी में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन

कौन बनेगा करोड़पति के शो में जिले के मदाना गांव में लिंगानुपात के बारे में दिखाए गए ब्योरे से नाराज राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हरियाणा शो के निर्देशक व निर्माता को नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। विभाग के निशाने पर शो में गए थल सेना में नायक मदाना खुर्द गांव के ऋषि कुमार भी हैं। उनसे संपर्क साधने के प्रयास हो रहे हैं।

विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि संबंधित चैनल को नोटिस देकर पूछा जाए कि आखिर किस आधार पर इतने गंभीर मसले को बगैर प्रामाणिकता के परोस दिया गया। एफडीए के आयुक्त एवं राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशक राकेश गुप्ता का कहना है कि पूरे प्रदेश में चलाए गए अभियान के दौरान 51 केस एमटीपी के तहत दर्ज किए गए, जबकि 25 केस पीएनडीटी के अंतर्गत दर्ज हुए।

गुप्ता का कहना है कि मात्र टीआरपी को बढ़ाने के लिए जिस प्रकार से इस गंभीर विषय का गलत ढंग से इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि नोटिस जारी कर चैनल से पूछा जाएगा कि उसने किस आधार पर ये आकड़े पेश किए।

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