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    फिल्म 'शादी में जरूर आना' में छिपा है IAS बनने का राज़

    By Rahul soniEdited By:
    Updated: Thu, 09 Nov 2017 08:33 PM (IST)

    फिल्म शादी में जरूर आना 10 नवंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।

    फिल्म 'शादी में जरूर आना' में छिपा है IAS बनने का राज़

    मुंबई। राजकुमार राव और कृति खरबंदा स्टारर फिल्म शादी में जरूर आना एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी हो सकती है कि इस रोमांटिक फिल्म में आईएएस बनने का राज़ भी छिपा है। जी हां, तो आइए बताते हैं इस पूरी बात का सच। 

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    फिल्म शादी में जरूर आना की डायरेक्टर रत्ना सिन्हा ने जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत में बताया कि, फिल्म में जहां एक ओर रोमांस है वहीं दूसरी ओर यह फिल्म हमारे देश के नौजवानों को सिविल सर्विसेस जैसी एग्जाम्स की तैयारी करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। साथ ही यह मैसेज देगी कि लड़कियों को पढ़ा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। रत्ना सिन्हा का कहना है कि, मेरे हिसाब से हर लड़की की एजुकेशन पूरी होने के बाद उसकी एजुकेशन का यूज होना जरूरी है। कई बार ज्यादातर यह देखा गया है कि एजुकेशन का कुछ भी यूज नहीं हो पाता है। दरअसल, हमारे यहां ''सेटल डाउन'' एक बहुत बड़ा शब्द है जिसका मतलब शादी तक सीमित होता है। बस यहां पर आकर सबकुछ रूक जाता है क्योंकि हम यह समझ लेते हैं कि हमें यहीं तक पहुंचना है। लड़की को पढ़ा कर शादी करना है। लेकिन यह गलत सोच है। अगर आप एजुकेशन का यूज कर सकते हैं तो करना चाहिए। जैसे कि सिविल सर्विसेस की बात करें तो कई बार लड़कियां सिविल सर्विसेस एग्जाम की तैयारी तो करती हैं लेकिन शादी के बाद अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती हैं। इसलिए इस फिल्म के जरिए हमारी कोशिश रही है कि बेटी पढ़ाव बेटी बचाव का संदेश दिया जा सके। साथ ही बेटी बढ़ाव देश को बढ़ावा भी संदेश है क्योंकि इससे इकोनॉमी की भी ग्रोथ होती है।

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    आगे रत्ना बताती हैं कि फिल्म की कहानी फिक्शनल है। लेकिन एेसे कपल्स की रियल स्टोरी से इंस्पायर्ड है जो एक कॉलेज में थे। साथ में आईएएस की तैयारी की। लेकिन लड़की शादी के कारण तैयारी छोड़ देती है। फिल्म के प्रजेंटर कमल मुकुट ने कहा कि, आज भी हम देखें तो ज्यादातर उत्तरप्रदेश, बिहार और ओड़िशा के बच्चे सिविल सर्विसेस एग्जाम्स में ज्यादा बैठते हैं। इसलिए हम इस फिल्म के जरिए एंटरटेनमेंट के साथ यही मैसेज देना चाहते हैं कि, स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेस एग्जाम्स में बैठे और एजुकेशन लेने के बाद उसका पूरा यूज करें। साथ ही यह मैसेज देने की कोशिश की गई है कि दहेज प्रथा का खात्मा हो। चूंकि आज भी लड़का जितना ज्यादा पढ़ा-लिखा होता है वो उतना ज्यादा दहेज मांगता है। इसलिए इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना होगा। बता दें कि, शादी में जरूर आना 10 नवंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।