थियेटर में लगातार 19 वर्षों से चलती आ रही 'डीडीएलजे'
एक थिएटर में लगातार 19 साल तक चलने वाली यह दुनिया की पहली फिल्म बन गई है। मराठा मंदिर में इस फिल्म का रोजाना एक शो चलता है।
मुंबई। एक फिल्म एक थियेटर में एक हजार हफ्ते। सुनकर कुछ अटपटा लगता है, लेकिन कुछ ऐसा ही करिश्मा किया है 19 अक्टूबर, 1995 में रिलीज हुई रोमांटिक फिल्म 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (डीडीएलजे) ने। मुंबई के सिनेमाहाल मराठा मंदिर में एक हजार हफ्ते से लगातार चल रही इस फिल्म ने इतिहास रच दिया है। एक थिएटर में लगातार 19 साल तक चलने वाली यह दुनिया की पहली फिल्म बन गई है। मराठा मंदिर में इस फिल्म का रोजाना एक शो चलता है।
मराठा मंदिर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज देसाई कहते हैं, 'हमारे द्वारा मराठा मंदिर को टेकओवर करने से पहले 'मुगल-ए-आजम' ने भी रिकॉर्ड कायम किया था। 1958 में रिलीज 'मुगल-ए-आजम' मराठा मंदिर में करीब छह साल तक चली थी। 'शोले' भी पांच साल से ज्यादा समय तक चली थी, पर डीडीएलजे ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। बीस साल का मतलब एक पीढ़ी। यानी 1995 में जन्मा बच्चा आज बीस साल का है। एक जेनरेशन तैयार हो गई। जब फिल्म ने 500 हफ्ते पूरे किए थे, तो यशराज चोपड़ा ने हमें ट्राफी दी थी। यश जी ने उस वक्त इसे 500 हफ्ते और चलाने का ख्वाब देखा और वह साकार हो रहा है। एक बार अफवाह भी उड़ी थी कि फिल्म को थिएटर से हटाया जा रहा है। मुझे इसका खंडन करना पड़ा। अभी भी फिल्म चल रही है। इसे आगे भी चलाते रहने का इरादा है। फिल्म को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज कराने का प्रयास है।'
(स्मिता श्रीवास्तव)
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