Move to Jagran APP

लता काएक गाना धूलिया ने 30 लाख में खरीदा

आज के समय में हिट गीतों केकॉपीराइट प्राप्त करने के लिए निर्माताओं को मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है।

By Edited By: Published: Mon, 18 Mar 2013 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2013 06:33 PM (IST)
लता काएक गाना धूलिया ने 30 लाख में खरीदा

मुंबई। आज के समय में हिट गीतों केकॉपीराइट प्राप्त करने के लिए निर्माताओं को मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है।

loksabha election banner

ताजा मामला फिल्ममेकर तिग्मांशु धूलिया से जुड़ा हुआ है। अपनी हालिया प्रदर्शित फिल्म साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न में लता मंगेशकर के गीत 'लग जा गले से' के लिए तीस लाख रुपये देने पड़े। वह खुद भी मानते हैं कि इतनी रकम में एक गाना खरीदने से उनकी फिल्म का बजट बिगड़ गया।

इससे पूर्व अपूर्व लखिया भी ऐसी ही स्थिति से दो चार हो चुके हैं। वह अपनी आने वाली फिल्म (जंजीर का रीमेक) में मन्ना डे के गीत 'यारी है ईमान मेरा' को शामिल करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे दोबारा से फिल्माना ही सही समझा। दरअसल, गीत का कॉपीराइट रखने वाली कंपनी सारेगामा-एचएमवी इसके लिए काफी मोटी रकम की मांग कर रही थी।

धूलिया ने बताया कि मुझे मदन मोहन के गीत बहुत पसंद हैं, खासतौर पर 1964 में आई फिल्म 'वो कौन थी' का गीत लग जा गले मेरा सबसे पसंदीदा है। मुझे उम्मीद थी कि गाने के अधिकार मुझे छह से सात लाख में मिल जाएंगे, लेकिन तीस लाख कीमत सुनकर मैं सकते में आ गया। पर यह गीत मेरी फिल्म के लिए बिल्कुल सटीक था और मैं माही गिल के साथ इस गाने पर शूटिंग भी कर चुका था। ऐसे में मेरे पास महंगी कीमत में गाना खरीदने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। वहीं म्यूजिक कंपनी सारेगामा के व्यवसायिक प्रमुख आदर्श गुप्ता के मुताबिक हमारी नीतियां पहले से स्पष्ट थीं। कोई भी निर्माता गानों के अधिकार खरीद सकता है और चाहे तो अपनी फिल्म में प्रयोग भी कर सकता है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.