तालिबान जैसा व्यवहार कर रहा है सेंसर बोर्ड : विशाल भारद्वाज
फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने सेंसर बोर्ड के रवैये की तीखी आलोचना की है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विशाल ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड तालिबान की तरह व्यवहार कर रहा है, इसके पर काटे जाने चाहिए। विशाल अपनी फिल्मों में गालियों व ठेठ भाषा के इस्तेमाल के लिए जाने
मुंबई। फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने सेंसर बोर्ड के रवैये की तीखी आलोचना की है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विशाल ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड तालिबान की तरह व्यवहार कर रहा है, इसके पर काटे जाने चाहिए। विशाल अपनी फिल्मों में गालियों व ठेठ भाषा के इस्तेमाल के लिए जाने जाते हैं।
एक साक्षात्कार में विशाल ने फिल्मकारों की रचनात्मकता पर नकेल की कोशिशों पर खुलकर बात की। सेंसरशिप निर्देशों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हाल ही में फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी की अध्यक्षता में सेंसर बोर्ड की तरफ से फिल्मों में प्रतिबंधित किए जाने वाले कुछ शब्दों की सूची ने इस आग में घी का काम किया।
सेंसर बोर्ड के इस कदम पर विशाल ने कहा कि ऐसे वक्त में जब भारतीय फिल्में अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति हासिल कर रही हैं, सरकार को कला फिल्मों पर रुकावट डालने संबंधी सेंसर बोर्ड की शक्ति को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। विशाल ने कहा कि सिनेमा रूढ़िवादी परंपरा से बाहर निकल रहा है। कला फिल्मों व वाणिज्य फिल्मों के अंतर को समझना होगा।
फिल्मों में गाली के इस्तेमाल के खिलाफ हैं ओम पुरी
बॉलीवुड के अनुभवी अभिनेता व नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष ओम पुरी ने फिल्मों में गालियों के इस्तेमाल को गलत ठहराया है।
इस सवाल पर कि क्या फिल्मों में शब्दों को लेकर प्रतिबंध का सेंसर बोर्ड का कदम सही है, ओम पुरी ने कहा कि आप अपनी फिल्म में 10 बार गाली का इस्तेमाल करते हैं, इसका अर्थ यह नहीं कि आपकी फिल्म हिट है। यह एक चलन बन गया है। सेंसर बोर्ड का कदम सही है।
उन्होंने कहा कि वे फिल्म में गाली के इस्तेमाल के बिल्कुल पक्ष में नहीं हैं। जरूरी नहीं है कि हर खलनायक गाली दे। फिल्म को बहुत से बच्चे व महिलाएं भी देखती हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।