Move to Jagran APP

Exclusive: भूमि पेडनेकर के पापा ने जिस बात पर दी पार्टी वो पढ़ कर आप चौंक जायेंगे

भूमि कहती हैं कि मुझे खुशी है कि 'शुभ मंगल सावधान' जैसी फिल्में बनने की शुरुआत हुई है, जिसके माध्यम से लोग समझेंगे कि सेक्स एजुकेशन की जरूरत क्यों है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 12:05 PM (IST)
Exclusive: भूमि पेडनेकर के पापा ने जिस बात पर दी पार्टी वो पढ़ कर आप चौंक जायेंगे
Exclusive: भूमि पेडनेकर के पापा ने जिस बात पर दी पार्टी वो पढ़ कर आप चौंक जायेंगे

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। भूमि पेडनेकर लगातार वैसी फिल्मों का हिस्सा बन रही हैं, जो किसी न किसी रूप में समाज की रुढ़िवादी सोच और सभ्यता की बेड़ियों को तोड़ने की कोशिशें करती रही हैं। ऐसा उनके घर से ही होता आया है। पिता ने तो बेटी भूमि की माहवारी शुरू होने पर पार्टी तक दे डाली थी।

loksabha election banner

भूमि की पहली फिल्म ' दम लगाके हईसा' में जहां वह मोटी लड़कियों को लेकर सामाजिक कुंठा के ख़िलाफ़ लड़ी। टॉयलेट एक प्रेम कथा में वह ऐसे किरदार में हैं, जो अपने पति से साफ कह देती है कि वह अंग प्रदर्शन करके खुले में शौच करने नहीं जा सकती हैं। घर में टॉयलेट बनवाना होगा। और अब एक बार फिर से भूमि फिल्म शुभ मंगल सावधान में एक ऐसे विषय को उठा रही हैं, जिसके बारे में लोग आमतौर से बात करने से भी हिचकिचाते हैं। भूमि कहती हैं कि वह खुश हैं कि उन्हें बिल्कुल अलग तरह की फिल्में करने का मौका मिल रहा है। वह कहती हैं "अब तक मैं जो भी किरदार निभाती आयी हूं, दरअसल रियल लाइफ में मैं उन सब जैसी ही हूं। मैं स्टैंड लेने वाली लड़कियों में से रही हूं और इसका पूरा श्रेय मेरे परिवार को जाता है। मेरा परिवार फ्रीडम फाइटर्स वाले दौर का रहा है। मेरी मां सोशल सर्विस से जुड़ी हुई हैं। हमने अपने परिवार में कभी भी रुढ़िवादी सोच देखी ही नहीं।"

यह भी पढ़ें:बेटी पैदा करने से डरती हैं दिव्यांका त्रिपाठी, रेपिस्टों को सज़ा दिलाने के लिए पीएम से गुहार

 

भूमि एक दिलचस्प किस्सा यह सुनाती हैं, कि जब वह 10वीं क्लास में थीं, उन्हें पहली बार माहवारी हुई। "आपको यह जान कर हैरानी होगी कि मेरी मां उस वक्त घर पर नहीं थीं और मैं फूट-फूट कर रो रही थी। मेरे पापा तब मेरे पास आये, मुझे समझाया कि यह नेचुरल बात है। घबराने की जरूरत नहीं है। फिर उन्होंने ही सैनेटरी नैपकीन मुझे लाकर दी और इस्तेमाल का तरीका समझाया। इतना ही नहीं उन्होंने मेरे लिए पार्टी दी थी। उन्होंने इसका सेलिब्रेशन किया ताकि मेरा डर और शर्म चली जाय। उन्होंने एक छोटे से रेस्टोरेंट में मेरे सारे दोस्तों को बुलाया और फिर हमने जम कर पार्टी और नाच गाना किया। उस दिन से मुझे इस बात को लेकर सारी हिचक मिट गयी। शायद यही वजह है कि जब लोग कहते हैं कि इस दौरान अचार छूने, किचन में न जाना जैसी कई बातों से महिलाओं को गुजरना पड़ता है तो मुझे आश्चर्य होता है। मैंने इसका सामना कभी नहीं किया है।"

यह भी पढ़ें:भारत लौट रही हैं प्रियंका चोपड़ा , बस सिर्फ ये काम करने

 

भूमि कहती हैं कि मुझे खुशी है कि 'शुभ मंगल सावधान' जैसी फिल्में बनने की शुरुआत हुई है, जिसके माध्यम से लोग समझेंगे कि सेक्स एजुकेशन की जरूरत क्यों है। आज भी ऐसे कई मीडिल क्लास परिवार हैं, जहां इस तरह के मुद्दे डिस्कस नहीं होते। बेटियां, पापा से सैनिटरी नैपकीन की डिमांड नहीं कर सकतीं। इस तरह की फिल्मों से मुझे लगता है कि वह सोच बदलेगी। भूमि की इस फिल्म में नपुसंकता के विषय को दर्शाने की कोशिश की गयी है। फिल्म को लेकर भूमि उत्साहित हैं। फिल्म एक सिंतबर को रिलीज़ हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.