विधानसभा चुनाव 2017 : उलेमा कौंसिल ने मुलायम को बाबरी का कातिल बताया
बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ एक मंच पर राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल अध्यक्ष आमिर रशादी ने मुलायम सिंह यादव को बाबरी का कातिल करार दिया।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ एक मंच पर आए राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह को बाबरी का कातिल करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुलायम ने पहले कारसेवकों को रिहर्सल कराया और फिर मस्जिद गिरा दी। मौलाना ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुसलमान विरोधी सोच वाले मुलायम सिंह का बयान याद दिलाते हुए कहा कि जो अपने बाप का नहीं हुआ, वो किसी का नहीं हो सकता।
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आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए मौलाना ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में मुसलमानों ने समाजवादियों को वोट दिया लेकिन नतीजे में वे संवर कर सैफई हो गए और हम मुजफ्फरनगर रह गए। उन्होंने 2017 के चुनाव में दो बातों को अहम बताया, फासिस्ट ताकतों को रोकना और गुंडाराज व परिवारराज से प्रदेश को बचाना। मौलाना ने कहा कि कौंसिल डेढ़-दो साल से इस मामले पर राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन नाकामयाब रही है। मौलाना ने कहा कि पांच साल में सांप्रदायिक ताकतों की वजह से प्रदेश झुलस गया है। जहां बंटवारे और बाबरी मस्जिद गिरने पर भी दंगे नहीं हुए, वहां भी इस दौरान दंगे कराए गए।
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अखिलेश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पहले तो हुकूमत में दंगाइयों को छूट दी और अब कांग्रेस की बैसाखी पकड़ ली। मौलाना के साथ मौजूद बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बसपा सरकार बनने पर इन मामलों की जांच कराई जाएगी। तीन तलाक के मामले पर मौलाना व बसपा महासचिव ने एक सुर में कहा कि धार्मिक मामलों में दखल की इजाजत किसी को नहीं होनी चाहिए। भाजपा द्वारा किसी मुसलमान को टिकट न दिए जाने पर नसीमुद्दीन ने कहा कि अब मुसलमान अपनी काबिलियत उन्हें बता देंगे।