चुनाव 2017: आजम खां की भाजपा को दो टूक-दूसरों के धर्म में टांग अड़ाना छोडि़ए
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में रामपुर से मैदान में उतरे आजम खां ने जनसभा में भाजपा को आड़े हाथ लिया। आजम ने भाजपा से कहा धर्म में टांग अड़ाना छोड़ दीजिए,वरना नतीजा बुरा होगा।
लखनऊ (जेनएनए)। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के तीन तलाक के मुद्दे पर बयान के बाद प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां काफी बिफर पड़े हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में रामपुर से मैदान में उतरे आजम खां ने आज एक जनसभा में भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लिया। आजम खां ने भाजपा से साफ कहा कि दूसरों के धर्म में टांग अड़ाना छोड़ दीजिए, वरना नतीजा बुरा होगा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संकेत दिया था कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार संभवत: 'तीन तलाक' प्रतिबंधित करने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। इसी पर आज समाजवादी पार्टी के मंत्री और वरिष्ठ नेता आजम खां ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दूसरों की जाति जिंदगी और धर्म में टांग अड़ाना छोडि़ए, मैं कैसे नमाज पढ़ूं इससे क्या मतलब है आपका।
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रामपुर में आजम खां ने आज कहा कि जीने दो, बहस है कि एक तलाक, दो तलाक तीन तलाक। हमने कहा कि एक मानो तुम्हारी मर्जी। दो मानो तुम्हारी मर्जी, तीन मानो तुम्हारी मर्जी। न मानना हो मत मानो. क्या झगड़ा है। मैं कैसे नमाज पढ़ूं इससे क्या मतलब है आपका। आप कैसे पूजा करेंगे, इससे किसी को क्या लेना देना। मेरी शादी कैसे होगी, यह सोचना किसी अन्य धर्म वाले का काम नहीं है। आपका विवाह कैसे होगा, मुझसे क्या मतलब। अब हम जब हम दूसरों की जाति जिंदगियों में टांग अड़ाएंगे और हम धर्म के मामले में सवाल करेंगे, तो धर्म में बहुत से सवाल ऐसे हैं, जिनका कोई जवाब नहीं होता।\
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कोई सवाल आस्था पर नहीं हो सकता। आप मुझसे पूछें कि सबूत दो अल्लाह कहां हैं। मेरे पास कोई सबूत नहीं है अल्लाह का। मैं आपसे पूछूं कि आपका ईश्वर कहां है। मुसीबत यह है कि हमारे हिंदू बच्चे-बच्चियां भी सबको नहीं जानते। आजम खां ने कहा कि कहते हैं कांशीराम जी की मूर्ति। कांशीराम जी की मूर्ति नहीं प्रतिमा है। जब तुम किसी की मूर्ति कहते हो और वो टूटती है तो दंगा होता है लेकिन जब प्रतिमा टूटती है तो जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को इस विवादित मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को भी कहा था। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह मुद्दा किसी धर्म या आस्था से नहीं बल्कि महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है। प्रसाद ने कहा कि हम आस्था का सम्मान करते हैं, लेकिन उपासना पद्धति व कुप्रथा साथ-साथ नहीं चल सकते।