तार-तार होते रिश्ते
सगे-संबंधियों की ओर से हत्या, दुष्कर्म जैसी वारदातों को अंजाम देने से रिश्ते तार-तार हो रहे हैं। पंजाब में ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कपूरथला में सगी भाभी ने ही अपनी ननद का जीजों से दुष्कर्म करवाया।
सगे-संबंधियों की ओर से हत्या, दुष्कर्म जैसी वारदातों को अंजाम देने से रिश्ते तार-तार हो रहे हैं। पंजाब में ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कपूरथला में सगी भाभी ने ही अपनी ननद का जीजों से दुष्कर्म करवाया। ऐसे घृणित कार्य की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। भाभी का तो फर्ज यह है कि यदि ननद की इज्जत पर कोई हाथ डालता है तो वह उसे बचाए। बठिंडा में प्रेमिका के साथ रह रहे पिता ने अपनी बेटी को इतना जलील किया कि उसने आत्महत्या कर ली। बेटी से इस तरह का व्यवहार तो पिता के रिश्ते की अहमियत को ही खत्म कर देता है। पिता तो वह होता है जो हर मुसीबत में बेटी का साथ दे, उसका हौसला बढ़ाए। हर कठिन परिस्थिति में संबल बनकर अपनी संतान के साथ खड़ा रहे लेकिन यहां इसके विपरीत हो रहा है। तरनतारन में मामूली विवाद में युवक ने चचेरे भाई की हत्या कर दी। यहां भी भाई-भाई का रिश्ता तार-तार हुआ। एक भाई लक्ष्मण थे जो बड़े भाई राम की रक्षा के लिए चौदह साल तक वनवास में रहे। ऐसा उन्होंने मना करने के बावजूद किया। भाई का कर्तव्य ही यह है कि दूसरे भाई की जान की हर हाल में रक्षा करे। एक और घटना ने संबंधों को शर्मसार किया। फिरोजपुर में खेत में काम करने के दौरान पति ने अपनी पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। जो पति विवाह बंधन में बंधने के समय सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम खाता है वह अपनी पत्नी की हत्या कर दे, विश्वास नहीं होता है। पिता-बेटी, भाई-भाई, पति-पत्नी जैसे रिश्तों की बलि चढऩा समाज के लिए बहुत चिंता की बात है। किसी भी समाज के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। ऐसी घटनाओं से पूरा सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न हो जाता है। ऐसी वारदातें करने वालों के खिलाफ कानून तो अपना काम करेगा ही, लेकिन इस तरह की घटनाएं समाज विज्ञानियों, धर्मगुरुओं, चिंतकों, मनोवैज्ञानिकों के लिए भी गंभीर चुनौती हैं। पंजाब में सांङो चूल्हे की परंपरा रही है। सामाजिक समरसता यहां की विशेषता रही है। ऐसे प्रदेश में इस तरह की घटनाओं का होना निसंदेह चिंता वाली बात है।
[स्थानीय संपादकीय: पंजाब]
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।