7 सरोकार
सुशिक्षित समाज, स्वस्थ समाज, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, गरीबी उन्मूलन और जनसंख्या नियोजन। दैनिक जागरण परिवार के सात सरोकार। अपने राष्ट्रीय दायित्व के साथ-साथ सामाजिक बोध के तहत इस परिवार ने इन सातों सरोकारों को अपने आचार-विचार और व्यवहार में न केवल आत्मसात किया है बल्कि विभिन्न अभियानों
सुशिक्षित समाज, स्वस्थ समाज, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, गरीबी उन्मूलन और जनसंख्या नियोजन। दैनिक जागरण परिवार के सात सरोकार। अपने राष्ट्रीय दायित्व के साथ-साथ सामाजिक बोध के तहत इस परिवार ने इन सातों सरोकारों को अपने आचार-विचार और व्यवहार में न केवल आत्मसात किया है बल्कि विभिन्न अभियानों के जरिए इन्हें केंद्र में बनाए रखते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। दैनिक जागरण के ये सात सरोकार सरकार और समाज के लिए सात सबसे बड़ी और सबसे प्राथमिकता वाली चुनौतियां हैं। सोचिए, अगर हम सब इन चुनौतियों को अपना सरोकार बनाते हुए इन पर विजय पा लें तो देश और समाज का रूप-रंग कैसा होगा?
दरअसल इन चुनौतियों का दायरा बहुत व्यापक और अंतरसंबंधी है। लिहाजा इन्हें दुरुस्त करने के प्रयास न केवल सशक्त होने चाहिए बल्कि उनका बहुपक्षीय दृष्टिकोण भी होना चाहिए। उदाहरण के लिए हम नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं तो सुशिक्षित समाज, जनसंख्या नियोजन, गरीबी उन्मूलन और स्वस्थ समाज की अवधारणा अपने आप साकार होती दिखती है। एक मर्ज का रामबाण इलाज दूसरे के लिए भी संजीवनी बनता दिखता है। ऐसे में प्रत्येक नागरिक में इन चुनौतियों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनको सरोकार बनाए जाने की अपेक्षा द्वारा सामाजिक-आर्थिक तरक्की की सीढिय़ां तय करना आज हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है।
जनमत
क्या शिक्षा के तमाम संसाधन उपलब्ध करा देने से हमारा समाज सुशिक्षित हो जाएगा?
हां 40 फीसद
नहीं 60 फीसद
क्या स्वस्थ समाज की परिकल्पना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के आधार पर किया जाना उचित है?
हां 27 फीसद
नहीं 73 फीसद
आपकी आवाज
जमीनी सतह से लेकर उच्च स्तर में तमाम संसाधन के बावजूद हमें निजी, अर्ध सरकारी, सरकारी संस्थाओं, अध्यापकों और माता-पिता की नैतिक जिम्मेदारी के साथ गुणों का विशिष्टिकरण करने की आवश्यकता के साथ ही गुणात्मक अहमियत होनी चाहिए। -राजेश श्रीवास्तव
शारीरिक स्वास्थ्य से बढ़कर सुशिक्षा, सुसंस्कार, कर्तव्यनिष्ठा एवं प्रत्येक के प्रति न्याय व ईमानदारी पर आधारित समाज ही स्वस्थ समाज कहा जा सकता है। -गौरीशंकरअंतज@जीमेल.कॉम
अदालती और पुलिस की कार्यवाही में भी तेजी लाने की आवश्यकता है और नारी सुशिक्षा को स्वच्छ भारत अभियान की तरह जन-जन तक पहुंचाना चाहिए। -विनीतमी58@जीमेल.कॉम
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।