बदले की आग में जल रहे किरायेदार ने पूरे परिवार को मार डाला
सराय रोहिल्ला इलाके में बुजुर्ग दंपती व उनके इकलौते बेटे की हत्या उन्हीं के पूर्व किरायेदार ने की थी। दंपती के बेटे ने किरायेदार की पिटाई की थी। इसका बदला लेने के लिए उसने पहले दंपती के बेटे की गला रेत कर हत्या की फिर भेद खुलने के डर से
नई दिल्ली। सराय रोहिल्ला इलाके में बुजुर्ग दंपती व उनके इकलौते बेटे की हत्या उन्हीं के पूर्व किरायेदार ने की थी। दंपती के बेटे ने किरायेदार की पिटाई की थी। इसका बदला लेने के लिए उसने पहले दंपती के बेटे की गला रेत कर हत्या की फिर भेद खुलने के डर से दंपती का भी गला रेत दिया।
वारदात को अंजाम देने के लिए वह अपने घर से ही सब्जी काटने वाला चाकू लाया था। हत्या के बाद आरोपी बिहार स्थित अपने गांव भाग गया था, जहां से उत्तरी जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम ने उसे रविवार को दबोच लिया। डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक आरोपी का नाम मिथिलेश महतो है।
वह बिहार के खगड़िया जिला अंतर्गत गांव भदास का रहने वाला है। उसके खिलाफ पहले से तीन मामले दर्ज हैं। बदायूं, उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ चरस बेचने व किशोरी को भगा ले जाने के दो मामले दर्ज हैं। गत 30 जुलाई को मिथिलेश बुजुर्ग दंपती चंद्रपाल व गोला देवी के यहां किरायेदार के रूप में आया था।
वह नशे का आदी है। शराब के अलावा गांजा का भी सेवन करता है। दंपती का बेटा राकेश भी नशे का आदी था, इसलिए दोनों में जल्द दोस्ती हो गई। 3 सितंबर को राकेश ने मिथिलेश से कुछ पैसे मांगे। मना करने पर राकेश उसे सराय रोहिल्ला रेलवे कालोनी की झुग्गी बस्ती में ले गया और दोस्तों के साथ मिलकर पिटाई की।
इससे मिथिलेश बेहद गुस्से में था। गत 9 सितंबर को मिथिलेश ने दिल्ली के सागरपुर में सुशील के साथ मिलकर एक शख्स को नशीला पेय पदार्थ पिलाकर लूट लिया था। 10 सितंबर को पुलिस ने जब सुशील को पकड़ लिया तो मिथिलेश डर के मारे बिहार भाग गया।
पिटाई का बदला लेने के लिए वह 22 सितंबर को फिर दिल्ली आया। उस दिन वह एक परिचित के यहां झुग्गी में ठहर गया। अगले दिन उसने राकेश को फोन किया। राकेश के घर में होने की जानकारी मिलने पर मिथिलेश चाकू, ताला, नशे की गोलियां व दो बोतल माजा लेकर शाम छह बजे वहां पहुंचा।
वहां राकेश के पड़ोस के दो युवक पहले से मौजूद थे। सभी ने सिगरेट पी। मिथिलेश इसके बाद राकेश को बुलाकर तीसरी मंजिल पर उसके कमरे में आ गया। माजा में नशीली गोलियां मिलाकर पिलाने के बाद उसने राकेश का हाथ बांध दिया। इसके बाद चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी और बाहर से कुंडी लगाकर भागने लगा।
राकेश के माता-पिता ने उसे आते देख लिया था। हत्या का भेद खुल जाने के डर से वह दूसरी मंजिल पर गया। ड्राइंग रूम में बुजुर्ग चंद्रपाल शराब पीकर सो रहे थे। उसने उनका भी गला रेत दिया। फिर बेड रूम में सो रहीं चंद्रपाल की पत्नी गोला देवी की हत्या कर दी।
परिचय पत्र से खुला राज
पुलिस से बचने के लिए मिथिलेश ने किराये पर रहने के लिए उनको दिए गए परिचय पत्र (आइडी) को खोजना शुरू किया। उसका पुलिस सत्यापन नहीं हो पाया था। एक थैले में कुछ कागजात देखकर उसने सोचा कि परिचय पत्र भी उसी में होगा।
गोला देवी के कुछ जेवर व दंपती के मोबाइल व थैले के साथ ऑटो से आनंद विहार चला गया। रास्ते में यमुना में उसने चाकू व ताले की चाबी फेंक दी। फिर लखनऊ होते हुए बिहार भाग गया।
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