विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर 6 साल बाद बांग्लादेश से वतन लौटा सोनू
दिल्ली के सीमापुरी से साल 2010 में लापता हुआ सोनू गुरुवार दोपहर ढाका से दिल्ली पहुंचा। बांग्लादेश के जमाल इब्नमूसा वह शख्स हैं, जिन्होंने सोनू की वतन वापसी में अहम भूमिका निभाई।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली से लापता हुआ सोनू 6 साल बाद अपने वतन लौट आया है। साल 2010 में जब सोनू 6 साल का था तब उसे दिल्ली के सीलमपुर इलाके से किडनैप किया गया था। सोनू के पिता ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा किया है। भारत लौटने पर सोनू ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। इस दौरान उसकी मां भी मौजूद थी।
EAM Sushma Swaraj meets Sonu, the boy who was kidnapped and has been rescued from Bangladesh. pic.twitter.com/Vh5AJQcoku
— ANI (@ANI_news) June 30, 2016
सोनू को बांग्लादेश के जसोर में ट्रेस किया गया था। बुधवार को ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि सोनू का डीएनए उसकी मां से मैच कर गया है।
Sonu - who was kidnapped from Delhi was found in a shelter home in Bangladesh. We matched the DNA with his mother. The test is positive./1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 28, 2016
सफल हुआ विदेश मंत्रालय का प्रसाय
ये मामला विदेश मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद सुषमा स्वराज के आदेश पर इंडियन हाई कमीशन की एक टीम को जसोर भेजा गया था। सोनू वहां एक चाइल्ड केयर होम में रह रहा था। जिसके बाद सुषमा ने ट्वीट कर लिखा था, हमारी कोशिश रंग लाई। बांग्लादेश ने सोनू को इंडियन अथॉरिटी को सौंप दिया है।
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फिल्म 'बजरंगी भाईजान' से मिलती है सोनू की कहनी
सोनू को देश लौटने की कहानी सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की तर्ज पर ही सामने आयी है। इस कहानी में हीरो बने हैं बांग्लादेश के जमाल इब्नमूसा। दरअसल बांग्लादेश में रहने वाले जमाल इब्नमूसा के पास एक 11 साल का बच्चा रोता बिलखता पहुंचा था। बच्चे ने बताया कि उसे भारत से अपहरण करके लाया गया है और उसका नाम सोनू है। यहां उससे दिनभर काम लिया जाता है और उसे मारा पीटा जाता है।
जमाल का इरादा पक्का था
जमाल ने बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने का ठान लिया। बच्चे की बातचीत से मिली जानकारी के आधार पर उसने बच्चे के परिजनों को ढूंढ निकाला। सोनू उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके स्थित झुग्गी का रहने वाले हैं। उसके पिता महमूद मिस्त्री का काम करते हैं। सोनू के परिवार से मिलकर जमाल ने सारी कहानी उन्हें बताई, जिसके बाद परिजन जमाल के साथ सीलमपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे। जहां से गुहार लगाने के बाद जब मामला विदेशमंत्री सुषमा सवराज की संज्ञान में आया तो उन्होंने संबंधित अधिकारी को मामले पर कारवाई का आदेश दिया, जिसके बाद बांग्लादेश सरकार से संपर्क कर सोनू और उसकी मां का डीएनए कराया गया।
कैसे किडनैप हुआ था सोनू?
मुमताज के मुताबिक, 23 मई 2010 को सोनू घर के बाहर ही खेल रहा था। इसके बाद वो लापता हो गया। सीमापुरी थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 3 साल चली खोज के बाद भी सोनू का पता नहीं लगाया जा सका। मुमताज ने बताया कि सोनू के लापता होने के बाद एक महिला ने फोन किया। बच्चे के बदले फिरौती की मांग की। मुमताज के मुताबिक, सोनू का किडनैप रहीसा बेगम और उसकी बहन अकलीमा बेगम ने ही किया था।