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    सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक न लगाई होती तो ऐसे होते हालात

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 21 Oct 2017 07:16 AM (IST)

    पिछले वर्ष दिवाली पर वायु प्रदूषण का औसत स्तर 426 था और आनंद विहार में तो यह 999 तक चला गया था, जबकि इस साल यह 326 रिकॉर्ड किया गया।

    सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक न लगाई होती तो ऐसे होते हालात

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में खूब पटाखे जले। इसी का नतीजा रहा कि शुक्रवार की सुबह वातावरण में न केवल स्मॉग की चादर देखने को मिली, बल्कि वायु प्रदूषण इंडेक्स भी खतरनाक स्थिति में पहुंच गया।

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    विशेषज्ञों ने इसे सीधे तौर पर आपातकालीन स्थिति बताया है। हालांकि यह भी सच है कि इस साल दिवाली पर वायु प्रदूषण का इंडेक्स गत वर्ष के मुकाबले करीब 24 फीसद तक कम रहा है। पिछले वर्ष दिवाली पर वायु प्रदूषण का औसत स्तर 426 था और आनंद विहार में तो यह 999 तक चला गया था, जबकि इस साल यह 326 रिकॉर्ड किया गया। अगर सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध न लगाया होता तो यह स्थिति और भी बदतर हो सकती थी।

    शुक्रवार की सुबह वायु प्रदूषण इंडेक्स में तेजी से इजाफा हुआ

    समूचे दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध होने की वजह से इस साल धनतेरस और छोटी दिवाली पर नहीं के बराबर पटाखे फोड़े गए। मगर बृहस्पतिवार को देर शाम आठ बजे से आधी रात तक पटाखे फोड़े जाते रहे, इसीलिए देर रात से शुक्रवार की सुबह के बीच वायु प्रदूषण इंडेक्स में तेजी से इजाफा हुआ।

    आरके पुरम मॉनिटरिंग स्टेशन पर रात 11 बजे पीएम 2.5 का स्तर 878 और पीएम 10 का स्तर 1,179 दर्ज हुआ। दिल्ली में बृहस्पतिवार रात 12 बजे से शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक पीएम 2.5 का स्तर 397 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य स्तर से 6.6 गुणा ज्यादा रहा। हालांकि दिवाली से पहले यह स्तर 184 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था जो सामान्य से दो गुणा ज्यादा था। दिवाली पूर्व की आबोहवा भी गत वर्ष की तुलना में बेहतर रही।

    एनसीआर का हाल

    दिन की तुलना में रात मे एनसीआर का वायु प्रदूषण भी चार गुणा तक अधिक रहा। दिन में यानी सुबह 6 से शाम 7 बजे के बीच दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 189, गुरुग्राम में 121, गाजियाबाद में 142 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जबकि शाम 7 से शुक्रवार की सुबह 7 बजे के बीच यह क्रमश: 548, 382 और 501 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया।

    फरीदाबाद में पिछली दिवाली पर यह स्तर 457 था, जबकि इस साल 319 रहा। गाजियाबाद में भी पिछले साल के मुकाबले 88 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कम प्रदूषण रहा। नोएडा में प्रदूषण का स्तर दो स्थानों पर मापा गया। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार दिवाली की रात में यहां प्रदूषण के स्तर में सामान्य से 30 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। सेक्टर 125 में सुबह साढ़े आठ बजे पीएम-10 का स्तर 784 था, जबकि पीएम-2.5 भी 555 के स्तर पर था। वहीं नोएडा सेक्टर- 62 में पीएम-10 का स्तर 456 और पीएम-2.5 भी 284 के स्तर पर था।
    सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) का स्तर बढ़ा

    दिवाली से पहले आरके पुरम, शादीपुर और पंजाबी बाग में एसओ 2 का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम था, लेकिन दिवाली पर रात 10 बजे से शुक्रवार सुबह 3 बजे के बीच यह तीन गुणा तक बढ़कर 183 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया।

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    दिल्ली में पिछले तीन दिन का वायु प्रदूषण स्तर
    क्षेत्र बुधवार बृहस्पतिवार शुक्रवार
    एनएसआइटी 343 318 408
    इहबास 261 246 309
    मंदिर मार्ग 293 318 427
    आनंद विहार 401 397 463
    आरके पुरम 350 366 369
    पंजाबी बाग 335 356 262
    डीटीयू 347 359 425
    लोधी रोड 277 302 436
    सीआरआरआइ 327 347 432
    पूसा 257 255 415
    बुराड़ी मोड़ 222 298 379
    आया नगर 229 285 391
    नॉर्थ कैपस 333 328 403
    एयरपोर्ट 301 326 321

    2016 में तीन दिन का वायु प्रदूषण स्तर
    क्षेत्र पहले दिवाली पर बाद में
    डीएमएस 484 471 384
    एनएसआइटी 367 393 413
    इहबास 428 427 383
    मंदिर मार्ग 392 397 415
    आनंद विहार 474 355 468
    आर के पुरम 410 401 468
    पंजाबी बाग 446 441 445

    इस बार दिवाली पर सर्वाधिक चार प्रदूषित क्षेत्र

    1. टी 3 टर्मिनल एयरपोर्ट
    2. दिल्ली विश्वविद्यालय
    3. लोधी रोड
    4. मथुरा रोड



    सफर इंडिया ने जारी की एडवायजरी

    शुक्रवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों मे धुध के साथ धुएं की एक मोटी चादर दिल्ली के बादलों पर दिखाई दी। सफर ने अपनी हेल्थ एडवाइजरी में कहा है कि सामान्य लोगों के साथ श्वास संबंधी मरीजों को बाहरी हवा के संपर्क से बचना चाहिए। यह उन्हें बीमार बना सकती है। खासतौर से फेफड़ों और आखों को ज्यादा नुकसान है। वहीं, डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य लोग धुआं मिश्रित धुध (स्मॉग) के समय बाहर न निकलें।

    केद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अतिरिक्त निदेशक डॉ. दीपांकर साहा ने कहा कि मौसम के अनुकूल न होने के कारण भी 2016 के मुकाबले इस बार दिल्ली में दिवाली मे वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरी है। दिवाली से दो दिन पहले वायु गुणवत्ता ठीक नहीं थी। दक्षिण-पूर्व से आने वाली नम हवाएं और मिक्सिंग हाइट का नीचे आना प्रदूषण की स्थिति को काफी खराब बनाने वाला था। आसमान पूरे दिन साफ रहा। तापमान के गिरने और हवा की मंद गति प्रदूषण को बढ़ाने वाले होते हैं। इनकी वजह से प्रदूषक तत्व एक ही जगह रुक जाते हैं।

    दिल्ली में दिवाली के दिन ध्वनि प्रदूषण

    सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र ओखला और आइटीओ दोनोंं जगहों पर ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है। इस निष्कर्ष के लिए सीपीसीबी ने दिवाली से पूर्व और दिवाली के दिन रिकॉर्ड आकड़ों का विश्लेषण और तुलना बीते चार वर्षों से की है।

    अक्टूबर मे प्रदूषित दिन

    सीपीसीबी के मुताबिक अक्टूबर 2016 में जहां कुल 14 दिन वायु गुणवत्ता के लिहाज से खराब श्रेणी में थे। वहीं 2017 में यह संख्या 10 हो गई है, जबकि जनवरी से अक्टूबर के बीच 2016 में खराब वायु गुणवत्ता वाले दिन 110 थे और 2017 में यह सख्या 101 हो गई है।

    मॉनिटरिंग स्टेशनों में दिखी गड़बड़

    अनेक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों में गड़बड़ी भी देखी गई। आरके पुरम मॉनिटरिंग स्टेशन ने आधी रात के बाद तकनीकी कारणों से काम करना बंद कर दिया। मंदिर मार्ग स्टेशन पर रात 12 बजे के बाद वायु स्तर अपडेट होना बंद हो गया। पंजाबी बाग और आइटीओ स्टेशन ने भी रात 12 बजे के बाद अपडेट दर्शाना बंद कर दिया। इसी तरह रात 10 बजे के बाद फरीदाबाद का मॉनिटरिंग स्टेशन पर भी अपडेट नहीं हुआ। 

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