खूबसूरत वेश्या की कमाई देखकर उस पर फिदा हो गया फिर करने लगा यह काम
अफाक हुसैन से संपर्क में आने के बाद साइरा ने 1999 में शादी कर ली। फिर मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति का अंतरराष्ट्रीय गिरोह चलाना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। कभी मानव तस्करी का शिकार होकर वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसने वाली साइरा बेगम ने 26 साल में 5 हजार से अधिक लड़कियों को गंदगी में धकेल दिया। जीबी रोड पर वह अपने पति के साथ पांच कोठे चलाती थी और हर कोठे में 40 से 50 लड़कियों को रखा जाता था।
मुरादाबाद के एक गरीब परिवार से जुड़े अफाक हुसैन ने साइरा की वेश्यावृत्ति से होने वाली कमाई देखकर उससे शादी की थी। दोनों ने मिलकर बेंगलुरु, दिल्ली से लेकर कई राज्यों में बेनामी संपत्ति बनाई। हाल ही में उन्होंने एक चार करोड़ रुपये का बैंगलूरू स्थित बंगला बेचा।
क्राइम ब्रांच के अनुसार खुद को सामाजिक तौर पर पेश करने के लिए उन्होंने अपनी बेटी के नाम से जैतपुर में स्कूल भी खोला। अताफ हुसैन मुरादाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था।
1990 में पहली बार गिरफ्तार हुई साइरा
मूलरूप से हैदराबाद आंध्र प्रदेश निवासी साइरा बेगम को दरियागंज निवासी एक तलफ हुसैन नाम का व्यक्ति दिल्ली लेकर आया था और उससे वेश्यावृत्ति कराने लगा था। तलफ हुसैन की मौत के बाद साइरा ने उसका कारोबार संभाल लिया। 1990 में उसे पहली बार कमला मार्केट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कोठे से आठ लड़कियों को छुड़ाया था। इस मामले में उसे सात साल की सजा हुई थी। सजा के बाद दोबारा से कोठा नंबर-58 पर वेश्यावृत्ति शुरू कर दी। अफाक हुसैन से संपर्क में आने के बाद दोनों ने 1999 में शादी कर ली। फिर मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति का अंतर्राष्ट्रीय गिरोह चलाना शुरू कर दिया।
वर्ष 2011 में साइरा और अफाक ने कोठा नंबर-56 भी खरीद लिया। साइरा ने बताया कि उसने एक महिला पार्वती उर्फ पारो से मिलकर फर्जी के आधार पर कोठा नंबर-57 पर बिजली का कनेक्शन लिया।
बनाई 60 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति
वेश्यावृत्ति से दोनों ने 60 करोड़ से अधिक की संपत्ति बनाई। अब तक की जांच में उनके नाम पर 12 संपत्तियों की जानकारी क्राइम ब्रांच को मिल चुकी है, बेंगलुरु में भी दंपती के दो बंगले और लग्जरी गाड़ियां हैं।
मदर्स डे पर कराता था सामाजिक कार्यक्रम
मिली जानकारी के अनुसार अफाक हर साल इंटरनेशनल मदर-डे पर कार्यक्रम आयोजित कराता था। जिसमें दिल्ली, और उत्तर प्रदेश की कई हस्तियां हिस्सा लेती थीं। अफाक का मुरादाबाद में अच्छा नाम है और वह उत्तर प्रदेश विधानसभा में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। उसने एक बड़ी पार्टी से टिकट की डिमांड की थी और उसके रसूक को देखते हुए उसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

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