EDMC सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से दिल्ली में गहराया सफाई का संकट
सफाई कर्मचारी मुकेश गहलोत का आरोप है की उनकी तनख्वाह रोक ली गई है। साथ ही कहा कि तीन महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली और नया वेतन भी लागू नहीं किया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वेतन न मिलने से नाराज दिल्ली नगर निमग के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर दिल्ली की सड़कों पर नजर आने लगा है। हड़ताव के कारण पूर्वी दिल्ली की हालत बदतर होती जा रही है। यमुनापार के अधिकतर इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं। सफाई कर्मचारी गत बृहस्पतिवार से प्रदर्शन कर रहे हैं और शुक्रवार से हड़ताल पर है।
प्रदर्शन के दौरान कूड़ा उठाने वाले ट्रकों को झिलमिल स्थित आरआर डिपो से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। इस वजह से डलाव घर के बाहर कूड़ा सड़क पर फैल गया है। एक तरफ कूड़े की बदबू से लोगों को दिक्कत हो रही है तो वहीं, दूसरी ओर राहगीरों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
लक्ष्मीनगर के रहने वाले शख्स का कहना है कि कूड़ा निस्तारण नहीं होने से बदबू तो फैल ही रही है, साथ में बीमारी फैलने का खतरा भी पैदा हो गया है।
हड़ताली कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी तनख्वाह रोक ली गई है और तीन महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिल रही है। इसके अलावा कई बार किए गए वादे के बावजूद उन्हें न तो एरियल, वर्दी व अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
गौरतलब है कि पूरे यमुनापार में हर दिन करीब 2200 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जो गाजीपुर स्थित डंपिंग प्वॉइंट पर डाला जाता है, लेकिन सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शनिवार तक अनुमानित 6500 मैट्रिक टन कूड़ा डलाव घर में पड़ा है।
लोगों में इस बात का डर है कि यदि हड़ताल जल्द खत्म नहीं हुई तो प्रदूषित वातावरण में बीमार हो सकते हैं। डलाव घरों का कूड़ा सड़क पर फैलने की वजह से शनिवार को यमुनापार के कई इलाकों में जाम लगा रहा और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करनाै पड़ा।
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