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    RTI में हुआ खुलासा, DSGPC पर लगा जाली प्रमाण पत्र बनाने का आरोप

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2015 08:45 PM (IST)

    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के पूर्व प्रबंधकों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का जाली ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगा है। सूचना के अधिकार के तहत इसका खुलासा होने के बाद अदालत के निर्देश पर कमेटी के पूर्व प्रबंधकों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया

    नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के पूर्व प्रबंधकों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का जाली ऑब्जेक्शन प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगा है। सूचना के अधिकार के तहत इसका खुलासा होने के बाद अदालत के निर्देश पर कमेटी के पूर्व प्रबंधकों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है।

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    बता दें कि इससे पहले भी जाली अनापत्ति पत्र देने और गलत तरीके से स्कूल में भर्ती करने का मामला सामने आ चुका है। एक के बाद एक हो रहे इस तरह के खुलासों से कमेटी और इसके शिक्षण संस्थानों की बदनामी हो रही है। ताजा मामला है कमेटी द्वारा संचालित गुरु तेग बहादुर पॉलीटेकनिक वसंत विहार की मान्यता को बचाने के लिए डीडीए के नाम पर जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र बनाकर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) तथा ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन के पास जमा कराने का है।

    मामले में पहले पूर्व कमेटी सदस्य कवलजीत सिंह सोढ़ी, पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी तथा पूर्व निदेशक ए.एस जौली व गुरमीत सिंह के खिलाफ वसंत विहार थाने में मामला दर्ज हुआ है। धोखाधड़ी का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से हुआ है।