निठारी कांड : कब, क्या हुआ
दिसंबर, 2006 में नोएडा का निठारी गांव सुर्खियों में था। पूरी दुनिया की नजर उस पर टिकी थी। हर पल रौंगटे खड़े करने वाले खुलासे हो रहे थे। यहां एक नाले में इतना नर कंकाल निकला कि पुलिस को उसे ठिकाने लगाने में मुश्किलें पैदा होने लगी। रहस्यों से परत
नोएडा । दिसंबर, 2006 में नोएडा का निठारी गांव सुर्खियों में था। पूरी दुनिया की नजर उस पर टिकी थी। हर पल रौंगटे खड़े करने वाले खुलासे हो रहे थे। यहां एक नाले में इतना नर कंकाल निकला कि पुलिस को उसे ठिकाने लगाने में मुश्किलें पैदा होने लगी। रहस्यों से परत हटती गई और एक बड़ा सच दुनिया के सामने आ गया। मुजरिम तक पहुंचने में पुलिस को देर नहीं लगी। मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरिंदर कोली का चेहरा बेनकाब हो चुका था। इस घटना के करीब आठ साल हो गए, मुजिरम जेल की सलाखों में है। लेकिन आज भी यह मामला यदाकदा सुर्खियों में आ ही जाता है। आइए जानते हैं कि निठारी कांड में कब क्या हुआ -
2006
29 दिसंबर : मकान मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसका नौकर सुरिंदर कोली गिरफ्तार किया गया।
30 दिसंबर : नाले से और बच्चों के कंकाल मिले।
31 दिसंबर : दो बीट कांस्टेबल निलंबित किए गए।
2007
1 जनवरी : हत्याओं को लेकर ग्रामीणों का पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। पुलिस ने चंडीगढ़ में पंढेर के परिजनों से पूछताछ की।
5 जनवरी : यूपी पुलिस अभियुक्तों को व्यापक नारको परीक्षण के लिए गांधीनगर लेकर गई।
10 जनवरी : सीबीआई ने मामले की जांच का जिम्मा संभाला।
11 जनवरी : मामले की जांच शुरू करने के लिए सीबीआई का पहला दल निठारी पहुंचा। मकान के निकट 30 और हड्डियां बरामद।
12 जनवरी : मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली से सीबीआई ने की पूछताछ।
20 जनवरी - यूपी सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रिपोर्ट दाखिल की।
8 फरवरी : विशेष सीबीआई अदालत ने पंढेर और सुरिंदर कोली को 14 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा।
12 फरवरी : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले के अध्ययन के लिए समिति का गठन किया।
28 फरवरी और 01 मार्च : सुरेंद्र कोली ने दिल्ली में एसीएमएम में अपने इकबालिया बयान दर्ज कराए। बयानों की वीडियोग्राफी भी हुई।
22 मई : सीबीआई ने गाजियाबाद की अदालत में मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया। मोनिंदर सिंह पंढेर पर हल्के आरोप लगाए गए। सुरिंदर कोली पर बलात्कार, अपहरण और हत्या के आरोप लगाए गए।
2008
01 मई : निठारी हत्याकांड के तीन पीड़ितों के पिता मुख्य अभियुक्त पंढेर को हत्या और अपहरण के आरोपों से मुक्त करने को लेकर सीबीआई के खिलाफ अदालत पहुंचे।
11 मई : गाजियाबाद की अदालत ने सीबीआई को हत्याओं में पंढेर की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया।
6 सितंबर : निठारी हत्याकांड की शिकार एक लड़की के पिता जतिन सरकार का शव पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में नदी से बरामद।
01 नवंबर : उच्चतम न्यायालय ने एक पीड़ित के रिश्तेदार के आरोपों पर सीबीआई को नोटिस भेजा। इसमें आरोप लगाया गया कि सीबीआई पंढेर को बचाने का प्रयास कर रही है।
13 दिसंबर : गाजियाबाद की विशेष सीबीआई ने मोनिंदरसिंह पंढेर के खिलाफ दो किशोरियों से बलात्कार तथा उनकी हत्या के मामले में आरोप तय किए।
2009
12 फरवरी : विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने पंढेर और कोली को बलात्कार व हत्या का दोषी ठहराया।
13 फरवरी : निठारी में सिलसिलेवार 19 हत्याओं में से एक 14 वर्षीय रिम्पा हालदार के साथ रेप और उसकी हत्या के लिए विशेष अदालत ने पंढेर तथा कोली को मौत की सजा सुनाई।
11 सितंबर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर को सुनाई गई मौत की सजा को दर किनार करते हुए उसे बरी किया।
7 जनवरी : हालदार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की मौत की सजा बरकरार रखी।
4 मई : कोली को आरती प्रसारद की हत्या का दोषी पाया गया। उसे 12 मई को दूसरी बार मौत की सजा सुनाई गई।
28 सितंबर : कोली को मजदूर पप्पू लाल की आठ वर्षीय लड़की रचना लाल की हत्या के जुर्म में तीसरी बार मौत की सजा सुनाई गई।
22 दिसंबर : कोली को चौथी बार मौत की सजा सुनाई गई।

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