Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली सरकार के मंत्री की कथित 33 करोड़ की संपत्ति जब्त!

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 04 Mar 2017 06:48 PM (IST)

    जब्त की गई जमीन की कीमत 17 करोड़ जबकि शेयरों की कीमत 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस संबंध में 27 फरवरी को 4 संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है।

    दिल्ली सरकार के मंत्री की कथित 33 करोड़ की संपत्ति जब्त!

    नई दिल्ली [जेएनएन]। आयकर अधिकारियों ने राजधानी में 100 बीघा से भी अधिक जमीन और कई कंपनियों के शेयरों को जब्त किया जिन्हें कथित तौर पर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से संबंधित बताया जा रहा है। अधिकारियों ने यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति के खिलाफ बनाए गए कानून के मुताबिक की है। माना जा रहा है कि इस मामले के बाद एक बार फिर केंद्र और दिल्ली की 'आप' सरकार के बीच संबंध तल्ख हो सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    सूत्रों के मुताबिक जब्त की गई जमीन की कीमत 17 करोड़ जबकि शेयरों की कीमत 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस संबंध में 27 फरवरी को 4 संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। इंडो मेटलिमपेक्स, अकिंचन डिवेलपर, प्रयास इन्फोसोल्यूशन और मंगलायतन प्रॉजेक्ट को जारी किए गए नोटिसों में अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति ट्रांजैक्शन ऐक्ट के तहत सत्येंद्र जैन पर कंपनियों से कैश पेमेंट के लिए गलत एंट्रियों के जरिए शेयर हासिल करने का दोषी ठहराया है। 
    
    केवल इंडो मेटलिमपेक्स से संबंधित 69 बीघा खेती की जमीन जब्त की गई है। जैन को दिल्ली सरकार में काफी ताकतवर मंत्री माना जाता है। वह पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट और हेल्थ सहित कई अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं। कानून के मुताबिक, जब्ती के 90 दिन के भीतर संबंधित व्यक्तियों को आयकर विभाग को जवाब देना होता है। इसके अलावा भी आय छिपाने के लिए भी दिल्ली सरकार के मंत्री पर अलग से इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत जांच की जा रही है।
    आयकर विभाग कथित तौर पर जिवेंद्र मिश्रा, अभिषेक चोखानी और राजेंद्र बंसल से जैन के संबंधों की जांच कर रहा है जो पहले से कोलकाता में टैक्स चोरी के आरोपी हैं। यह सभी लोग कोलकाता में एंट्री ऑपरेटर हैं जो कैश के बदले बड़ी कंपनियों के शेयर बेचते हैं जो कथित तौर पर सिर्फ कागजों पर होती हैं और इनके जरिए काफी कालेधन का हेर-फेर किया जाता है। सीएम केजरीवाल पहले ही नरेंद्र मोदी सरकार पर दिल्ली पुलिस व अन्य केंद्रीय ऐजेंसियों के जरिए अपने मंत्री और विधायकों पर झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाते रहे हैं।