Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानिए, सीरियल रेपिस्ट की कहानी, मिठाई खिलाकर किया 700 बच्चियों का रेप

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Tue, 17 Jan 2017 05:28 PM (IST)

    दिल्‍ली में एक ऐसा सीरियल रेपस्टि पुलिस के हत्‍थे चढ़ा है जिसके कबूलनामे को सुनकर आपके रौंगटे खड़े जाएंगे। उसका एक-एक सच हैरत में डालने वाला है।

    जानिए, सीरियल रेपिस्ट की कहानी, मिठाई खिलाकर किया 700 बच्चियों का रेप

    नई दिल्ली (जेएनएन)। न्यू अशोक नगर इलाके में पुलिस ने एक ऐसे दरिंदे को पकड़ा है जो सात से 11 साल की मासूमों को दुष्कर्म का शिकार बनाता था। पूछताछ में आरोपी ने माना कि वह वर्ष 2004 से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दुष्कर्म की कई ऐसी वारदात को अंजाम दे चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यू अशोक नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है । पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह ने बताया कि गत 13 दिसंबर को न्यू अशोक नगर इलाके में सात वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता को जान से मारने की धमकी देकर छोड़ दिया था। 10 जनवरी को ठीक इसी तरह 10 और नौ साल की दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म की कोशिश की।

    यह भी पढ़ेंः सीरियल रेपिस्ट का चौंकाने वाला कबूलनामाः 700 से अधिक लड़कियों से दुष्कर्म

    आरोपी की धरपकड़ के लिए एसीपी राहुल अलवल की देखरेख में थानाप्रभारी सीआर मीणा और अन्य की टीम गठित की गई। तीनों पीड़ितों से पता चला कि आरोपी ने प्रलोभन दिया कि उनके पिता ने कपड़े और मिठाई भेजी है।

    पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी को खंगाला। पीड़ितों ने उसकी शिनाख्त की। जांच में पता चला कि सुनील न्यू अशोक नगर में रहता था और टेलर का काम करता था। फिलहाल वह रुद्रपुर में रह रहा था। पुलिस ने एक गुप्त सूचना के बाद शनिवार को आरोपी को दिल्ली से दबोच लिया।

    दुष्कर्म के छह मामलों की पुष्टि

    पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि उसने पिछले 12 सालों में कई बच्चियों को हवस का शिकार बनाया। हालांकि इसका कोई सटीक आंकड़ा सामने नहीं आया है। लेकिन अभी तक पुलिस को छह मामलों का पता चला है। जांच में पता चला है कि न्यू अशोक नगर के तीन मामलों के अलावा उसके खिलाफ रूद्रपुर में दो और बिलासपुर, उप्र में दुष्कर्म का एक मामला दर्ज है।

    इसके अलावा उसके खिलाफ मादक पदार्थ की तस्करी, छेड़छाड़ और चोरी के मुकदमे दर्ज हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि ज्यादातर मामलों में मासूमों के परिजनों ने एफआइआर दर्ज नहीं करवाई। पुलिस उससे पूछताछ कर पीड़ितों के बारे में पता लगा रही है।

    उत्तराखंड में रहता है परिवार

    सुनील मूलरूप से शारदा कॉलोनी, बिलासपुर, रामपुर, उप्र का रहने वाला है। 1990 में वह परिवार के साथ दिल्ली आ गया था। यहां टेलर के यहां काम शुरू किया। उसके दो बेटे और तीन बेटियां हैं।

    पहली बार पकड़ा गया दुष्कर्म में

    सुनील कई बार चोरी और छेड़खानी के मामलों में पकड़ा जा चुका है। लेकिन दुष्कर्म के मामले में उसे पहली बार पकड़ा गया है। वह वारदात के बाद शहर छोड़ देता था। पुलिस को बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए वह रुद्रपुर से दिल्ली या गाजियाबाद आता था।

    पुलिस से बचने के लिए आरोपी उसी दिन वापस रुद्रपुर लौट जाता था। सुनील सरकारी स्कूलों की बच्चियों को प्रलोभन देकर अपने साथ ले जाता था और दुष्कर्म करता था। उसने ज्यादातर वारदातें न्यू अशोक नगर इलाके में की हैं।

    सुनील भले ही काफी समय से बच्चियों से दुष्कर्म कर रहा है, लेकिन हत्या का कोई मामला सामने नहीं आया है। करीब डेढ़ साल पहले भी दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही दरिंदे रविंदर कुमार को गिरफ्तार किया था। रविंदर ने पूछताछ में 30 से ज्यादा बच्चों से दुष्कर्म-कुकर्म के बाद हत्या की बात कुबूली थी।

    मनोचिकित्सकों के मुताबिक, पेडोफीलिया से पीड़ित लोगों की पहचान मुश्किल है। मानव व्यवहार व संबद्ध रोग विज्ञान संस्थान (इहबास) के निदेशक डॉ. निमेष जी देसाई कहते हैं कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों का इलाज सिर्फ मनोचिकित्सकों के पास नहीं हैं।

    इसमें मनोचिकित्सक रोग की पहचान तो कर सकता है, लेकिन इलाज के लिए क्राइमोलॉजी, मनोविज्ञान के साथ फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद चाहिए। साथ ही पीड़ित शख्स का भी इलाज के लिए तैयार होना चाहिए।

    उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों पर अमेरिका में काफी शोध हो चुका है, लेकिन हमारे यहां इस पर काफी कम काम हुआ है। निमेष जी देसाई के मुताबिक, समाज में हर किसी का दिमाग एक सा नहीं होता है। कुछ में विकृतियां भी हैं लेकिन वह एक सीमा में है। सीमा से बाहर होने पर पहचान और इलाज की जरूरत है।