दिल्ली में मिला 500 साल से भी अधिक पुराना कुआं, जानें और कई अहम बातें
इसके पास एक छोटा कुआं भी है। एएसआइ अब इस कुएं की सफाई का काम करेगा ताकि इतिहास के गर्द में छुपे कई तथ्य उजागर हो सके।
नई दिल्ली (विजयालक्ष्मी)। मथुरा रोड स्थित पुराने किले के बाहर कृत्रिम झील की सफाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को कुआं मिला है। माना जा रहा है कि यह कुआं मध्यकालीन है यानी 15वीं शताब्दी के आसपास का है। इसके पास एक छोटा कुआं भी है। एएसआइ अब इस कुएं की सफाई का काम करेगा ताकि इतिहास के गर्द में छुपे कई तथ्य उजागर हो सके।
एएसआइ के अनुसार इस कुएं को ब्रिटिशकाल में तारों और कंक्रीट से भर दिया गया होगा। आजादी के बाद यहां कृत्रिम झील बनाई गई। उसके बाद इसकी कभी सफाई नहीं की गई।
गौरतलब है कि दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीटीटीडीसी) के साथ करार खत्म होने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इस झील की सफाई का काम शुरू किया था। इस झील की गाद निकाली जा रही है, ताकि इसकी गहराई बढ़ाई जा सके।
पहले इस स्थान पर गांव हुआ करता था। यमुना नदी किले के पीछे वाली दीवार की ओर बहा करती थी। गांव के लोग पीने के पानी के लिए इस कुएं का इस्तेमाल किया करते थे।
पुराने किले की सुरक्षा का काम देख रहे सत्येन्द्र ने बताया कि यहां पिछले पंद्रह दिनों से सिल्ट निकालने का काम शुरू हुआ है। इसी दौरान जर्मनी से आए एक पर्यटक ने यहां कुआं होने की बात कही थी। उसने उसकी तस्वीरें भी दिखाई थी। ठीक उसी स्थान पर कुआं निकला है।
उन्होंने बताया कि पुराने किले के मुख्यद्वार में सीढ़िया हुआ करती थीं और इसके दाहिनी ओर एक मीनार भी हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि पर्यटक की बातें यहां के अधिकारियों को बताई गईं जिसके बाद कुएं की सफाई का काम भी शुरू किया जा रहा है।
एएसआइ के अधिकारी ने बताया कि कई सालों से झील की सफाई का काम नहीं किया गया था। इसी कारण इसकी गहराई काफी कम रह गई थी। सिल्ट की मोटी परत के हटाने का काम के बीच इस स्थान पर कुआं मिला है। इस बात के दस्तावेज और तस्वीरें नेशनल आर्काइव में भी हैं।
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