21 AAP विधायकों के मामले में कपिल मिश्रा ने पकड़ा केजरीवाल का बड़ा झूठ
कपिल ने कहा कि अब इन 21 विधायकों की सदस्यता किसी भी दिन जा सकती है। 67 विधायकों वाली सरकार भी अगर कोई आदमी चला न पाए तो उसको क्या कहा जाए।

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने संसदीय सचिव बनाए जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता जाने के संकट में फंसे विधायकों की दुखती रग दबा दी है।
आम आदमी पार्टी के जिन 21 विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का केस है। इन पर किसी भी दिन चुनाव आयोग का अंतिम निर्णय आ सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि इनमें से ज्यादातर को यह पता भी नहीं है कि आखिर उन्हें संसदीय सचिव बनाने का निर्णय क्यों लिया गया था।
इन विधायकों को आज भी पता नहीं कि 21 विधायकों के केस की सारी प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब बस आखिरी फैसला आना है, जबकि अरविंद केजरीवाल ने इन विधायकों में एक झूठ फैलाया हुआ है कि अभी तो केस लंबा चलेगा।
कपिल मिश्रा ने कहा कि सभी विधायक जानते हैं कि एक भी विधायक संसदीय सचिव बनने के लिए या पद मांगने के लिए केजरीवाल के पास नही गया था। कोई आवश्यकता भी नही थी कि नियमों को तोड़कर जल्दबाजी में विधायकों की सदस्यता खतरे में डाली जाए।
उस पर भी खास बात यह कि मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव का पद नियमों के अनुसार था। मगर इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं कि गई। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सब जानबूझकर किया गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कौन था इसका जिम्मेदार? किसने खड़ी की ये मुसीबत? क्या ये जानबूझकर विधायकों को डराकर व फंसाकर रखने के लिए किया गया था?
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कपिल ने कहा कि अब इन 21 विधायकों की सदस्यता किसी भी दिन जा सकती है। 67 विधायकों वाली सरकार भी अगर कोई आदमी चला न पाए तो उसको क्या कहा जाए। उसके लिए हर भाषा में अलग-अलग शब्द हैं पर सवाल केवल योग्यता पर नही बल्कि उसकी नीयत पर भी है।
अब जब फंस चुके हैं तो चुनाव आयोग से लड़ने का माहौल बनाया जा रहा है। ये ईवीएम की पूरी लड़ाई इसलिए है कि जनता को यह दिखाया जाए कि हम चुनाव आयोग से लड़ रहे हैं।
ऐसे में हमारे विधायकों की सदस्यता रद हो रही है। यह केजरीवाल की ओर से चुनाव आयोग को दबाव में लाने की कोशिश है, मगर ऐसे तमाशे विधायकों को कब तक बचा सकते हैं?

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