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    कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी गुटबाजी, सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी पार्टी

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 09 Sep 2017 11:20 AM (IST)

    दिल्ली में कांग्रेस के कुछ नेता प्रदेश नेतृत्व से अलग अपनी सियासत चला रहे हैं और प्रदेश नेतृत्व को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। ...और पढ़ें

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    कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी गुटबाजी, सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी पार्टी

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस दिल्ली में अपनी जमीन मजबूत करने में लगी हुई है। पार्टी ऐसे नेताओं के खिलाफ अब सख्ती से पेश आएगी जो गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। संगठन में जिम्मेदारी तय करते समय भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि पार्टी के लिए समर्पित नेताओं को ही पद मिले।

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    दिल्ली में कांग्रेस के कुछ नेता प्रदेश नेतृत्व से अलग अपनी सियासत चला रहे हैं और प्रदेश नेतृत्व को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं। नगर निगम चुनाव में भी कई नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग काम किया था। ऐसे कई नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हुई थी। बावजूद इसके गुटबाजी बंद नहीं हुई। कुछ दिनों पहले मालवीय नगर में कांग्रेस नेता जितेंद्र जीतू के यहां आयोजित समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सहित कई कांग्रेसी जुटे थे। इसमें से अधिकांश प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के विरोधी गुट से संबंधित थे।

    वहीं, कई ऐसे नेता भी थे जो प्रदेश नेतृत्व के साथ हैं। इन लोगों का कहना है कि वे वहां पर व्यक्तिगत संबंध की वजह से गए थे, सियासत से इसका कोई लेना देना नहीं है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का कहना है कि व्यक्तिगत कार्यक्रम का इस तरह से राजनीतिक इस्तेमाल गलत है। यह कांग्रेस की संस्कृति नहीं है। इससे कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाता है। इस तरह की स्तरहीन सियासत छोड़ सभी को पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। 

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